पृथ्वी शॉ को मुंबई टीम से विजय हजारे ट्रॉफी 2024-25 के लिए बाहर किए जाने पर उठा विवाद अभी शांत नहीं हुआ है। मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के एक अधिकारी ने उनकी खराब फिटनेस और अनुशासनहीनता को इसका मुख्य कारण बताया। इस बयान के बाद शॉ ने इंस्टाग्राम पर एक क्रिप्टिक स्टोरी के जरिए अपने जवाब में कहा, “अगर आप इसे पूरी तरह से नहीं समझ सकते तो इसपर बात ना ही करें।”
एमसीए का आरोप
अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में शॉ का प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। उन्होंने कहा कि, “हमें मैदान पर शॉ को छुपाना पड़ता था। वह न तो अच्छी फील्डिंग कर पा रहे थे और न ही गेंदबाजी या बल्लेबाजी में योगदान दे रहे थे। उनकी फिटनेस और अनुशासन का स्तर टीम के बाकी खिलाड़ियों से मेल नहीं खाता।”
शॉ का प्रदर्शन
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में पृथ्वी शॉ ने 9 मैचों में केवल 21.88 के औसत से 197 रन बनाए, जिसमें एक भी अर्धशतक नहीं था। यह प्रदर्शन शॉ के लिए उनकी बल्लेबाजी क्षमता के अनुरूप नहीं था और इसी कारण वह विजय हजारे ट्रॉफी के लिए टीम में जगह नहीं बना सके।
शॉ का पलटवार
एमसीए अधिकारी के आरोपों के बाद शॉ ने सीधे तौर पर बयानबाजी से बचते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “कई लोग बस राय देना चाहते हैं, लेकिन वे तथ्यों को नहीं जानते।” इस प्रतिक्रिया ने विवाद को और गर्म कर दिया है।
यह पहली बार नहीं है जब शॉ अपने खेल से ज्यादा विवादों के लिए चर्चा में हैं। टीम इंडिया में अपनी जगह खोने के बाद वह लगातार प्रदर्शन और अनुशासन के मुद्दों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि शॉ इन चुनौतियों से कैसे पार पाते हैं और मैदान पर अपनी वापसी कैसे सुनिश्चित करते हैं।