रविचंद्रन अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करके अपने शानदार करियर को अलविदा कह दिया। यह एलान ब्रिस्बेन टेस्ट के ड्रा होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया गया, जहां कप्तान रोहित शर्मा भी उनके साथ मौजूद थे।
अश्विन का ऐतिहासिक करियर:
- 13 साल का करियर: अश्विन ने 13 साल तक भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा रहते हुए अपने प्रदर्शन से टीम को कई ऐतिहासिक जीत दिलाई।
- 537 टेस्ट विकेट: अश्विन भारत के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज हैं। उनसे आगे केवल अनिल कुंबले (619 विकेट) हैं।
- कुल 775 अंतरराष्ट्रीय विकेट: उन्होंने तीनों फॉर्मेट में कुल 775 विकेट लिए, जिसमें टेस्ट में 37 बार पांच विकेट लेने का कारनामा भी शामिल है।
- ऑलराउंडर के तौर पर योगदान: अश्विन ने गेंद के साथ-साथ बल्ले से भी कई बार टीम को मुश्किल परिस्थितियों से निकाला।
गाबा टेस्ट और संन्यास की घोषणा:
- ब्रिस्बेन टेस्ट के दौरान जब खराब मौसम के कारण खेल रुका हुआ था, उस समय ड्रेसिंग रूम में विराट कोहली और अश्विन के बीच बातचीत और उनके भावुक क्षण ने संन्यास की अटकलों को हवा दी।
- प्रेस कॉन्फ्रेंस में अश्विन ने कहा, “यह मेरा अंतरराष्ट्रीय करियर का आखिरी दिन है। मैंने इस सफर में कई शानदार यादें बनाई हैं और इसके लिए सभी का धन्यवाद करता हूं।”
ऐतिहासिक योगदान:
अश्विन का नाम भारत के महानतम गेंदबाजों में शुमार रहेगा। उनकी रणनीतिक गेंदबाजी और मानसिक मजबूती ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट में ऑफ स्पिनरों के बीच शीर्ष स्थान पर पहुंचाया। उनके अनुभव और योगदान को आने वाले सालों में भारतीय क्रिकेट के लिए मिसाल के तौर पर देखा जाएगा।