शायरी कलेक्शन भाग 2 : जोश भर देने वाली शायरी
नमस्कार साथियों ,पिछले हफ्ते से मैंने हर मौके व मंच पर काम आ सकने वाली मज़ेदार
शायरियों का गुलदस्ता प्रस्तुत किया था. अब इस हफ्ते मैं कुछ शायरियों को प्रस्तुत कर रहा हूं
जोकि माहौल में जोश भर सके . इन शायरियों को किसी भी मंच से भाषण शुरू करने या
समाप्त करने के लिये किया जा सकता है . आशा है कि ये शेर आपकी मंच पर उपस्थिति पर
चार चांद लगा देंगे – मधुर चितलांग्या
1.हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है ,
तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए गुफ्तफू क्या है
रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं कायल ,
जब आंखों से ही नहीं टपका वो लहू क्या है
- कर्म करो तो फल मिलता है,
आज नहीं तो कल मिलता है
जितना गहरा अधिक हो कुंआ,
उतना मीठा जल मिलता है ..
- डर मुझे भी लगा फासला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर
खुद ब खुद मेरे नजदीक आती गई,
मेरी मंजिल मेरा हौंसला देख कर …
- जब हौसला बना लिया , ऊंची उड़ान का
फिर देखना फिजूल है ,कद आसमान का….
- पसीने की स्याही से जो लिखते हैं इरादें को,
उसके मुक्कद्दर के पन्ने कभी कोरे नही होते …
- ज़िंदगी बहुत कुछ सिखाती है ,
कभी हंसती तो कभी रुलाती है
पर जो हर हाल में हौसला रखते हैं ,
ज़िंदगी उनके आगे सर झुकाती है…
- माना कि औरों के मुक़ाबले ,
कुछ ज़्यादा नहीं पाया मैंने
पर खुद गिरता संभलता रहा ,
किसी को नहीं गिराया मैंने ..
- मंज़िल उन्हें को मिलती है,
जिनके सपनों में जान होती है
केवल पंख से सब कुछ नहीं होता ,
हौसलों से ही ऊंची उड़ान होती है…
9.रुकना नहीं हैं , थकना नहीं है , आगे बढ़ना है हिल-मिल के
मुझे यकीं है कि इस सफर में, सभी साथ देंगे तहे-दिल से - जीतूंगा मैं खुद से ये वादा करो
जितना सोच सकते हो कोशिश उससे ज़्यादा करो
तक़दीर भी रूठे तो भी हिम्मत ना टूटे
मज़बूत अपना , इतना इरादा करो - उसे गुमां है कि मेरी उड़ान कुछ कम है
मुझे यक़ीं है कि ये आसमान कुछ कम है - न पूछो कि मेरी मंजिल कहां है, अभी तो सफर का इरादा किया है,
न रुकूंगा , बढ़ता चलूंगा आपके साथ, ये मैंने खुद से वादा किया है
साथियों , अगले हफ्ते फिर किसी अलग मिजाज़ पर शायरी का संकलन प्रस्तुत करुंगा .जिनमें
अलग अलग शायरों के उम्दा शेर , दोस्ती, प्यार , धोखा , शराब –साकी, इंतज़ार , मंच में किसी के
सम्मान में बोले जा सकने वाले शेर , अनेक गद्यांश भी आपकी सेवा में प्रस्तुत करूंगा ….
इंजी. मधुर चितलांग्या , प्रधान संपादक
दैनिक पूरब टाइम्स