चुनाव की प्रक्रिया खत्म हुई अब कल वोटों की गिनती के साथ रुझान, फिर परिणाम आने लगेंगे . इस बीच सभी बड़े मीडिया ग्रुप व तथाकथित मीडिया पोर्टल ने अपनी अपनी विशेषज्ञता साबित करने , अपने एक्ज़िट पोल जारी किये हैं . मेरे एक दोस्त ने मुझसे पूछा , क्या आपने कोई एक्ज़िट पोल ज़ारी नहीं किया? मैंने कहा , उसके लिये काफी तैयारी करनी पड़ती है . सैंपलिंग के लिये डेमोग्राफी , उम्र , लिंग , धर्म , वोटरों की संख्या व अन्य अनेक पैरामीटर को ध्यान में रखना पड़ता है . फिर उसके बाद उस सैंपल के आधार पर लोगों से जानकारी इकट्ठा करना पड़ता है . तब कैल्कुलेशन करने पर परिणाम की भविष्यवाणी की जा सकती है .
मेरा वह साथी बोला , इतना सब कुछ करने की ज़रूरत नहीं है . बस . पेपरों में आ रही जानकारी, अपनी रुचि , अपने अनुभव व अपने खुद अनुमान से एक्ज़िट पोल बनाना बेहद सरल है . उसपर अपने विश्वास को बढ़ाने के लिये दो चार लोगों से चर्चा भी कर सकते हो . बस , तैयार कर लो अपना एक्ज़िट पोल . आपका यह एक्ज़िट पोल, किसी बड़े ग्रुप के एक्ज़िट पोल से मिलता जुलता हो ज़रूरी नहीं है . इसका कारण यह है कि आजकल चुनाव परिणाम के बाद , किसी का भी एक्ज़िट पोल गलत होना व किसी का भी तुक्का लगना आम बात हो गई है . यानि कि हर मीडिया ग्रुप की तरह आपका तुक्का लगने की संभावना भी पचास प्रतिशत रहेगी . भारत तो छोड़िये , अमेरिका तक इस एक्ज़िट पोल का शिकार बना हुआ है .
मैं अचंभित हो गया . अब , आप अगली बार से हर चुनाव में मेरे तुक्के ज़रूर देखेंगे .
इंजी. मधुर चितलांग्या , संपादक
दैनिक पूरब टाइम्स