मेरे एक फाडू दोस्त ने मुझे एक वाट्सअप में 10 फोटोएं एक साथ भेजी . उसके बाद जीवन दर्शन से भरे 2 लम्बे मैसेज भेजे, फिर एक फ़ॉर्वर्डेड चुटकुला और एक शायरी भेजी . यूं तो एक साथ इतने सारे मैसेज देखकर मैं घबरा जाता हूं. और झल्लाकर वाट्स अप में इकट्ठे हुए पचासों फोटो मैसेज को बिना देखे, फटाफट डिलीट कर देता हूं .
पर आज मैंने तसल्ली से अपने धैर्य को आजमाने की बात तय कर रखी थी. मैंने देखा तो पाया कि मुझे तीस ग्रुप और बीस व्यक्तिगत लोगों के मैसेजेस आते हैं. मैंने पाया कि रोज़ तकरीबन 150 फॉर्वार्डेड वीडियो , 400 फॉर्वार्डेड फोटो मैसेज , 400 फॉर्वार्डेड मैसेज , 50 फॉर्वार्डेड जोक्स / कविता / शायरी आते हैं . व्यक्तिगत कमेंट , फोटो और लिखे गए मैसेज मुश्किल से 8-10 आते हैं. रोज़ दिन में लगभग डेढ़ से दो घंटे इन्हें छांटने , कुछ को पढ़ने , फिर फॉरवर्ड करने और डिलीट करने में लगते हैं . यदि मैं केवल किसी के द्वारा स्वयं लिखी और भेजी चीज़ें देखता तो मुश्किल से 10-15 मिनट लगते. आज मेरा दिल उन फॉर्वार्डेड मैसेज भेजने वालों के लिए श्रद्धा से भर गया क्योंकि वे खुद का और दूसरों के समय का कितना सदुपयोग करवा , बिज़ी करवा रहे हैं . जिन्होंने पूरी स्कूल के दौरान, परीक्षा के दिनों के अलावा, रोज़ाना कोई पढ़ाई नहीं की , उन्हें घंटों ज्ञान की बातें पढ़ने लगा रहे हैं. मेरी इच्छा तो उन फॉर्वार्डेड मैसेज भेजने वाले लोगों की बलिहारी लेने की होती है क्योंकि उनके कारण अब कहीं कोई युवा ,कोई प्रौढ़ , कोई बूढ़ा , घर-बाहर कहीं पर भी बोर नहीं होता . बस, मोबाइल उठाया और हो जाता है मस्त . मेरा दिल तो कई बार उन फॉर्वार्डेड मैसेज भेजने वाले लोगों दंडवत करने का होता है , जब मैं घर डरते-डरते देर से आता हूं और फॉर्वार्डेड मैसेज पढ़ने में बिज़ी बीवी , बिना सर उठाये कहती है कि खाना टेबल पर रखा है , खा लेना , अभी मैं व्यस्त हूं. मेरा दिल तब बाग़-बाग़ हो जाता है , जब हमारी पूरी बैच में सबसे गधा कहलाने वाला दोस्त पेल कर ज्ञान के दस-बारह मैसेज रोज़ फारवर्ड करता है . आइये , आज हम उन सभी फॉर्वार्डेड मैसेज ,फारवर्ड करने के एडिक्ट लोगों को, मन में प्रणाम करते हुए दूसरे लोगों को फॉर्वार्डेड मैसेजेस भेजकर उनके दिमाग को व्यस्त करें और शैतान को बेघर करें क्योंकि खाली दिमाग शैतान का घर होता है .
इंजी. मधुर चितलांग्या , संपादक
दैनिक पूरब टाइम्स