गप सड़ाका के मूड में बैठे हम कुछ दोस्तों में से एक बोला , मुझे बाबा रामदेव की हर अदा बेहद पसंद है. जब वे एक पलक झपकाते हुए मज़ाकिया अंदाज़ में मुस्कुराते हैं तो कहर बरपा देते हैं .
अब दूसरा साथी बोला , मुझे भी उनका जोश में आकर कुछ भी अतिशयोक्ति पूर्ण , उटपुटांग बयान बहुत पसंद है. खासकर जब वे योग छोड़कर दूसरे फील्ड में डेढ़ होशियारी वाली बातें कहते हैं. तीसरा साथी , बाबा रामदेव का असल भक्त , नाराज़ होकर बोला , उन्होंने हमारी प्राचीन हुनर योग को फिर से विश्व में स्थापित किया है , उसका क्या ? चौथा दोस्त बोला , हम सभी उनकी अभी तक इज़्ज़त करते हैं तो केवल इसी कारण कि सब कुछ कहते-सुनते हुए भी वे अपने मूल कार्य याने योग को बढ़ावा दे रहे हैं. मैंने भी अपनी राय चेंप ही दी , उनकी बयानवीरता मुझे बेहद मज़ेदार लगती है. पिछले साल, अपनी ‘ पुत्र जीवक वटी ‘ का स्पष्टीकरण देते हुए , उन्होंने कहा कि न बाबा को बच्चा पैदा करना है और न मोदी को . फिर कहा कि अश्व गंधा या सर्प गंधा का मतलब यह तो नहीं कि उन्हें पीटकर उनकी गंध से ये दवाइयां बनाई गयी हैं. दूसरा साथी , फिर से बोला , क्या ज़बरदस्त बोलते हैं एसी में रहने और चार्टर्ड प्लेन से चलने वाले बाबा, मनमाने ढंग से सबकुछ बोलकर खुद को फ़कीर बताते हैं. इस हिसाब से तो हम लोग महा फकीर और सुपर फ़कीर हुए. पत्रकार माधो भी अब अपने अंदाज़ में बातचीत में शामिल होते हुए बोले , तुम लोग समझ नहीं रहे हो, पुत्र जीवक बटी बेचकर बाबाजी कन्या भ्रूण हत्या रोकने के पवित्र काम में अपना योगदान दे रहे थे । अगर पुत्र होने की गारंटी होती तो कोई एबॉर्शन नहीं करवाता। पुत्र नहीं हुआ, तब भी कोई बाबाजी पर केस नहीं करता । ब्लैक में कमाये गये रुपयों तथा इसके अलावा उपायो से प्राप्त किये गये पुत्र के बारे में जानकारी देना इस देश में कानूनी और नैतिक अपराध है, सयानी जनता ये जानती है। इसलिए डूबी ब्लैक मनी और पुत्र प्राप्ति के निष्फल उपायों की चर्चा कोई भी नहीं करता। अब पहला दोस्त भी हंसते हुए बोला, बाबाजी तो स्वयं बेटी बचाओ आंदोलन के जनक हैं। रामलीला मैदान पर जब ताबड़-तोड़ लाठियां चली थीं, तब बाबाजी चिल्लाये थे—बेटी बचाओ.. बेटी बचाओ। बेटियां फौरन आ गई थीं और उन्होने बाबाजी को सलवार सूट दिया था, जिसे पहनकर प्राणप्रिय बाबाजी ने अपने प्राणों की रक्षा की थी। बेटियों के प्रति कृतज्ञता जताने के लिए उन्होने बकायदा दुपट्टा धारण करके फोटो शूट भी करवाया था। पत्रकार माधो की बात से हमारी सभा समाप्त हुई , बाबाजी के पुत्र जीवक बटी बेचने पर रोक कतई नही लगाई जानी चाहिए, बल्कि उन्हे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि एबॉर्शन से होने वाली कन्या भ्रूण हत्या रूक सके। सब इस बात पर एकमत हो गये कि विदेशी कंपनियों के मार्केट शेयर पर कब्ज़ा करते हुए , मोदीजी का सहारा बनने का बदगुमान पालने वाले, बाबा रामदेव को पुत्र जीवक बटी बेचकर पुत्रियों की रक्षा के अनोखे फॉर्मूले के लिए उनको भारत रत्न दे ही दिया जाना चाहिए।
इंजी. मधुर चितलांग्या , संपादक
दैनिक पूरब टाइम्स