वाट्सएप पर मेरे पास एक वीडियो आया जिसमें किसी ने दावा किया था कि यह लड़की , नॉन वेज खाती है , दारू पीती है , नुसरत फतह अली के गाने पर दोस्तों के साथ मस्ती करते हुए डांस करती है तो यह देश भक्त कैसे हो सकती है बल्कि यह तो देश द्रोही है . जी हां , मैं गुरमेहर कौर के फेक वीडियो की बात कर रहा हूं . केवल इतना ही नहीं , वाट्सएप पर केजरी भक्त आंकड़ों के साथ ऐसे ऐसे दावे करते हैं कि देश भक्त व कर्मठ नरेंन्द्र मोदी की सरकार सबसे भ्रष्ट व निकम्मी नज़र आने लगती है . वहीं मोदी भक्त उनकी स्कीम व गाथाएं ऐसे सुनाते हुए दिखते हैं कि यदि उनकी भाषा में टीका करने कहा जाये तो मर्यादा पुरुषोतम राम के ग्रंथ, रामायण से भी महान ग्रंथ बन जायेगा. इतना ही नहीं , वाट्सएप पर हर एक शेर , नज़्म को कोई भी , गालिब या हरिवंश राय बच्चन की बता कर चेंप देता हैं . इन बातों से जोश में आकर मैं भी आज बाल नरेंद्र मोदी की इसी तरह की एक सच्ची कहानी बताना चाहता हूं . ट्रम्प अभी दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति हैं लेकिन आज मैं आपको ट्रम्प के बचपन की ऐसी सच्चाई बताने जा रहा हूं , जिसकी किसी मीडिया वाले को भनक नहीं लग पाई । आपको बता दें कि ट्रम्प बचपन में कैफ़े कॉफ़ी डे में कप धोते थे और पार्ट टाइम में केएफसी में भी बर्तन धोने जाते थे। ट्रम्प बर्तन और कप धोने को ही अपनी नियति मान चुके होते, अगर उनकी मुलाकात उनके गुरू से ना होती होती । दरसअल उस दौर में बाल नरेंद्र की सेवा और समर्पण से प्रेरित होकर एक अमेरिकन दंपत्ति उन्हें अपने साथ अमेरिका घुमाने ले गयी । कोई चाय का ठेला नहीं दिखा तो बाल नरेंद्र उसी कैफ़े कॉफ़ी डे में पहुंच गये, जिसमें ट्रम्प जूठे कप साफ़ किया करते थे। चूंकि मोदी भी चाय की दूकान पर रह चुके थे, इसलिए उनकी तीव्र इच्छा हुयी कि इसके स्टाफ से उन्हें मिलना चाहिए । तभी उनकी नज़र अचानक कप धोते हुए झगड़ालू बाल ट्रम्प पर पड़ी। जिसके बाद बाल नरेन्द्र ने बाल ट्रम्प को बहुत से गुरु मंत्र दिए। जब बड़े होकर ट्रम्प को पता चला कि उनके गुरु ने भारत में चुनाव लड़कर प्रधानमंत्री पद हासिल कर लिया है तो उसने भी अपने को अमेरिकन राष्ट्रपति की रेस में झोंक दिया और आगे अपने गुरु की प्रेरणा से ‘ अबकी बार ट्रम्प सरकार ‘ स्लोगन को आगे कर ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति भी बने।
इंजी. मधुर चितलांग्या , संपादक ,
दैनिक पूरब टाइम्स
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