प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारत सरकार द्वारा कारीगरों, शिल्पकारों, और अन्य स्व-रोजगार करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, ताकि वे अपनी व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ा सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। इस योजना के तहत, सरकार इन वर्गों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लोन लेने की प्रक्रिया:
आवेदन की पात्रता:
- कारीगर, शिल्पकार, मूर्तिकार, बढ़ई, लोहार, दर्जी, बुनकर, अन्य परंपरागत शिल्पकारों को इस योजना के तहत लोन लेने का अवसर मिलेगा।
- उम्मीदवार को एक स्व-रोजगार करने वाला व्यक्ति होना चाहिए, और उसका व्यवसाय 6 महीने से अधिक समय से चल रहा होना चाहिए।
- लोन की राशि:
- इस योजना के तहत, कारीगरों को ₹1 लाख तक का लोन (शुरुआत में) और कुछ मामलों में ₹2 लाख तक का लोन मिल सकता है, जो कार्यशील पूंजी या मशीनरी/उपकरण खरीदने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
- लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया:
- सबसे पहले आपको स्थानीय बैंक में आवेदन करना होगा। योजना के अंतर्गत बैंक आपके आवेदन की जाँच करेगा।
- आवेदन के दौरान आपको अपनी व्यवसायिक जानकारी, पहचान पत्र, पता प्रमाण, और अन्य जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
- योजना के तहत बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कुछ राहत भी दी जाती है।
- आवेदन प्रक्रिया:
- ऑनलाइन आवेदन: सरकारी वेबसाइट या बैंकों के पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।
- ऑफलाइन आवेदन: आप अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाकर आवेदन कर सकते हैं।
- दस्तावेज़ की आवश्यकता:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- व्यवसाय के प्रमाण (यदि लागू हो)
- बैंक खाता विवरण
- पहचान पत्र और पता प्रमाण
- लोन की मंजूरी और वितरण:
- लोन के लिए आवेदन करने के बाद, बैंक आपकी पात्रता और दस्तावेजों की जाँच करेगा।
- यदि आपकी पात्रता पूरी होती है, तो आपको लोन स्वीकृत किया जाएगा।
- लोन की राशि आपको बैंक द्वारा सीधे आपके खाते में भेजी जाएगी।
क्या लाभ होंगे?
- आर्थिक सहायता: कारीगरों को अपनी कार्यक्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए लोन मिलेगा।
- ब्याज दर में छूट: सामान्य लोन के मुकाबले इस योजना में ब्याज दरें कम होती हैं।
- मशीनरी और उपकरण: कारीगर अपनी कार्यशक्ति बढ़ाने के लिए उपकरण और मशीनरी खरीद सकते हैं।
यह योजना विशेष रूप से कारीगरों को अपने व्यवसाय को विस्तार देने के लिए प्रोत्साहित करती है।
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