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संस्मरण

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संस्मरण : ईश्वर दयालु है या न्यायप्रिय ? संत गोंदवलेकर महाराज के प्रवचन से हुआ निराकरण

राजनांदगांव में बचपन से बाल समाज गणेश समिति द्वारा अपने घर के सामने कराये गये महात्माओं के प्रवचन को मैं सुनता रहा। वे महात्मा...

संस्मरण : जानिये, एक बच्चे ने कैसे समझा संविधान का महत्व

बचपन में मैंने 12 वर्ष की उम्र में जब पेपर में पहली बार पढ़ा कि राजनांदगांव जिले के कलेक्टर अरुण क्षेत्रपाल का तबादला हो...

संस्मरण : होते हैं प्रकृति के खेल निराले ! अपने ढंग से लोगों को सबक-सज़ा-पुरस्कार देती है

कल रात भर आंधी तूफ़ान के साथ भारी बारिश हुई . हवाओं की सांए-सांए पूरी रात संगीत की तरह चलती रही . वृक्षों की...

संस्मरण : अनुभव को प्रणाम करना सीखा

सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री लेकर मैं , पूना में शिर्के सिपोरेक्स ( मल्टीनेशनल कंपनी) में नौकरी के शुरूआती दौर में था। डेढ़ साल के भीतर सन् 1985 के...

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