fbpx

Total Users- 620,029

spot_img

Total Users- 620,029

Wednesday, February 5, 2025
spot_img

जानिये , लोक अदालत के बारे में सबकुछ : क्या है और इसका क्या उद्देश्य हैं?

‘लोक अदालत’ -जैसा कि नाम से स्पष्ट है, आपसी सुलह या बातचीत की एक प्रणाली है । यह एक ऐसा मंच है जहां अदालत में लंबित मामलों (या विवाद) या जो मुकदमेबाजी से पहले के चरण में हैं, उन 2 पक्षों में समझौता किया जाता है या सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटाया जाता है ।
लोक अदालत विवादों को निपटाने का वैकल्पिक साधन है। लोक अदालत बेंच सभी स्तरों जैसे सर्वोच्च न्यायालय स्तर, उच्च न्यायालय स्तर, जिला न्यायालय स्तर पर दो पक्षों के मध्य विवाद को आपसी सहमति से निपटानें के लिए गठित की जाती है।

लोक अदालते क्या हैं?
• लोक अदालत विवादों को समझौते के माध्यम से सुलझाने के लिए एक वैकल्पिक मंच है।
• सभी प्रकार के सिविल वाद तथा ऐसे अपराधों को छोड़कर जिनमें समझौता वर्जित है, सभी आपराधिक मामले भी लोक अदालतों द्वारा निपटाये जा सकते हैं।
• लोक अदालत के फैसलों के विरूद्ध किसी भी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकती है।
• लोक अदालत में समझौते के माध्यम से निस्तारित मामले में अदा की गयी कोर्ट फीस लौटा दी जाती है।
• प्रदेश के सभी जिलों में स्थायी लोक अदालतों के माध्यम से सुलझाने के लिए उस अदालत में प्रार्थनापत्र देने का अधिकार प्राप्त है।
• अभी जो विवाद न्यायालय के समक्ष नहीं आये हैं उन्हें भी प्री-लिटीगेशन स्तर पर बिना मुकदमा दायर किये ही पक्षकरों की सहमति से प्रार्थनापत्र देकर लोक अदालत में फैसला कराया जा सकता है।
लोक अदालत के उद्देश्य निम्नलिखित हैं :
• लोक अदालत भारतीय न्याय प्रणाली की उस पुरानी व्यवस्था को स्थापित करता है जो प्राचीन भारत में प्रचलित थी । इसकी वैधता आधुनिक दिनों में भी प्रासंगिक है ।
• भारतीय अदालतें लंबी, महंगी और थकाने वाली क़ानूनी प्रक्रियाओं से जुड़े मामलों के बोझ से दबी हुई हैं । छोटे -छोटे मामलों को निपटाने में भी कोर्ट को कई साल लग जाते हैं । इसलिए, लोक अदालत त्वरित और सस्ते न्याय के लिए वैकल्पिक समाधान या युक्ति प्रदान करती है ।
• मुख्य धारा कानूनी प्रणाली के लिए एक पूरक प्रदान करने के लिए ।
• औपचारिक व्यवस्था से हट कर अपने मामलों को निपटाने के लिए जनता को प्रोत्साहित करने के लिए ।
• न्याय वितरण प्रणाली में भाग लेने के लिए जनता को सशक्त बनाने के लिए ।
लोक अदालतों के लाभ
• लोक अदालत त्वरित और सस्ते न्याय के लिए वैकल्पिक समाधान या युक्ति प्रदान करती है । इनमें नागरिक प्रक्रिया संहिता, 1908, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 जैसे प्रक्रियात्मक कानूनों का कोई सख्त अनुप्रयोग नहीं है। इसलिए लचीलेपन के कारण लोक अदालतें तीव्र हैं ।
• संयुक्त समझौता याचिका दायर करने के बाद लोक अदालत द्वारा जारी किए गए फैसले को दीवानी अदालत के डिक्री का दर्जा प्राप्त होता है । यह फैसले बाध्यकारी होते हैं और इनके खिलाफ अपील नही की जा सकती ।
• इनमें कोई न्यायालय शुल्क नहीं है और यदि न्यायालय शुल्क का भुगतान पहले ही कर दिया गया है, तो लोक अदालत में विवाद का निपटारा होने पर राशि वापस कर दी जाती है ।
• यह गांधीवाद के सिद्धांत पर आधारित है ।

More Topics

इंदिरा विहार:छत्तीसगढ़ का पहला बंदर सुविधा केंद्र और पर्यटन स्थल

इंदिरा विहार: रायगढ़ का अद्भुत वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन...

बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए 6 फूड्स

कमजोर इम्यूनिटी अक्सर बार-बार बीमारियों का कारण बनती है।...

YouTube ने नए फीचर्स से यूजर्स का अनुभव किया और बेहतर

ऑनलाइन वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म YouTube ने 2025 के नए...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े