
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों पर कांग्रेस ने व्यक्त की अपनी प्रतिक्रिया, भाजपा की हैट्रिक के खिलाफ उठाए सवाल। जानें पूरी जानकारी।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम आज (8 अक्टूबर) घोषित किए गए, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने स्पष्ट रूप से हैट्रिक लगाई। जबकि कई एग्जिट पोल कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी कर रहे थे, असली परिणाम ने भाजपा को बहुमत में रखा। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने चुनाव परिणामों को ‘अस्वीकृत’ बताते हुए इसे लोकतंत्र की हार करार दिया है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस के नेताओं ने आज नई दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम ‘अस्वीकृत’ हैं और यह साबित करता है कि चुनाव में हेरफेर हुआ है। जयराम रमेश ने कहा, “हरियाणा पर अध्याय खत्म नहीं हुआ है, यह जारी रहेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालिया चुनावों के संदर्भ में, वहां के लोगों ने कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस (NC) गठबंधन को स्पष्ट जनादेश दिया है।
पवन खेड़ा ने कहा, “हमसे जीत छीन ली गई है,” यह दर्शाते हुए कि कांग्रेस को ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के कामकाज के खिलाफ गंभीर शिकायतें मिली हैं।
लोकतंत्र की हार का आरोप
कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि इस चुनाव परिणाम से लोकतंत्र की हार हुई है। उन्होंने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए इसे चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता के लिए गंभीर खतरा बताया। रमेश और खेड़ा ने यह भी कहा कि चुनाव परिणामों को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है और वे इसे स्वीकार नहीं कर सकते।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि हरियाणा में लोगों का असली प्रतिनिधित्व नहीं हुआ है और पार्टी इस मुद्दे को उठाती रहेगी।
आगे की रणनीति
कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि वह इस मामले को कानूनी रूप से भी चुनौती दे सकती है। पार्टी ने आह्वान किया है कि वे अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ मिलकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।
रमेश ने कहा, “हम इस लड़ाई को खत्म नहीं होने देंगे।” इस प्रकार, कांग्रेस ने आने वाले समय में अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट किया है और उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम ने न केवल भाजपा की जीत को दर्शाया है, बल्कि कांग्रेस की रणनीतियों और भविष्य की राजनीति पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है। कांग्रेस के नेताओं का आरोप है कि चुनावी प्रक्रिया में गंभीर खामियां हैं, जिससे लोकतंत्र की नींव कमजोर हुई है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आगे किस प्रकार की रणनीति अपनाती है और क्या वे अपने समर्थकों को इस मुद्दे पर लामबंद कर पाते हैं।