हिमाचल प्रदेश: मस्जिद विवाद के बाद प्रवासियों का रजिस्ट्रेशन तेजी से, शिमला में 18,053 कामगारों का पंजीकरण
हिमाचल प्रदेश के शिमला में हाल ही में हुए मस्जिद विवाद के बाद प्रवासी कामगारों के रजिस्ट्रेशन में तेजी आई है। शिमला, मंडी और अन्य क्षेत्रों में प्रवासी स्वयं अपना पंजीकरण करवाने के लिए आगे आ रहे हैं।
शिमला जिले में चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है, जहां अब तक 18,053 प्रवासी कामगारों का पंजीकरण पूरा हो चुका है। ये कामगार मुख्यतः उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और राजस्थान से शिमला आकर काम कर रहे हैं। ऊपरी शिमला के सेब के बगीचों में लगभग 5,000 से 6,000 नेपाली मूल के मजदूर भी काम कर रहे हैं, जो लंबे समय से इस कारोबार से जुड़े हुए हैं।
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि प्रवासी कामगारों का पंजीकरण संबंधित थानों में करवाया जा रहा है। बाहरी राज्यों से आए व्यक्तियों को नियमों के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कोई आपराधिक पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति इलाके में न आए।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सभी प्रवासी कामगारों के दस्तावेज सही पाए गए हैं और आधार कार्ड की भी विस्तृत वेरिफिकेशन की गई है, जिसमें कोई त्रुटि नहीं मिली। उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि देश का संविधान किसी भी नागरिक को देश के किसी भी हिस्से में काम करने का अधिकार देता है।
हाल ही में संजौली मस्जिद विवाद के बाद स्ट्रीट वैंडर्स की पहचान को लेकर भी विवाद बढ़ा था, जिसके चलते स्थानीय लोगों ने प्रवासियों के पंजीकरण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। अब प्रवासी कामगार स्वयं पंजीकरण के लिए आगे आ रहे हैं।