भाजपा की दो दिवसीय मुख्यमंत्री परिषद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई, मिशन मोड में काम करने के लिए सभी को कहा गया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने पहले दिन दो दिनों की बैठक में भाग लिया।
लोकसभा चुनावों के बाद भारतीय जनता पार्टी की यह पहली मुख्यमंत्री परिषद बैठक है। राज्य के मुख्यमंत्री को बताया गया कि सरकार लगातार सहयोग कर रही है। चुनाव परिणामों से हैरान न हों। बैठक में कहा गया कि चुनाव में सीटों की कमी के बावजूद भी हम आगे बढ़ रहे हैं और सभी आंकड़े सरकार की बढ़त में हैं। उनका कहना था कि निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि अधिक उत्साह से काम करना चाहिए और जनता के विश्वास पर खरा उतरना चाहिए।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी
मुख्यमंत्री परिषद की बैठक लगभग तीन घंटे चली, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था और ग्राम सचिवालय डिजिटलाइजेशन पर भाषण दिया। उन्हें बताया गया कि राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने भी नौकरी का मुद्दा उठाया। यदि बिहार के उपमुख्यमंत्री की बात की जाए तो सम्राट चौधरी ने राज्य में अवैध खनन का मुद्दा उठाया। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक साहा ने वहीं पर “द्वार पर सरकार” का मुद्दा उठाया।
संगठन के साथ बेहतर तालमेल बनाने के लिए कहा
बैठक में सभी मुख्यमंत्री से संगठन के साथ बेहतर तालमेल बनाकर रखने को कहा. इस बात पर भी जोर दिया गया की कार्यकर्ताओं के साथ सम्मान किया जाए. इसके साथ ही राज्य की फ्लैगशिप योजनाओं को लागू करने को कहा.
यूपी के दोनों डिप्टी सीएम से भी की बातचीत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह भी सामने आया कि इस बैठक के खत्म होने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता ने यूपी के दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बृजेश पाठक के साथ बात की और प्रदेश में आने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर जोरदार तरीके से ताकत जुटाने को कहा.