मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी याचिका की सुनवाई की। कोर्ट ने आरएसएस की गतिविधियों में केंद्रीय कर्मचारियों के शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग वाली याचिका का निराकरण करते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी की। कोर्ट ने तुरंत प्रतिबंध हटाते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि खेद की बात है कि केंद्र सरकार को अपनी गलती का अहसास होने और इसे दुरुस्त करने में पांच दशक लग गए।केंद्र से सेवानिवृत कर्मचारी इंदौर निवासी पुरुषोत्तम गुप्ता ने इस संबंध में इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने याचिका में कहा था कि आरएसएस द्वारा किए जाने वाले कार्य सामाजिक सांस्कृतिक धार्मिक गतिविधियों के कार्य करती आ रही है। उन्हीं कार्यों से प्रभावित होकर भी आरएसएस में अपनी सेवाएं देना चाहते हैं लेकिन केंद्र सरकार ने वर्ष 1966 से आरएसएस में कर्मचारियों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा रखा था। जबकि कई राज्यों में जिसमें मध्य प्रदेश भी शामिल है यह प्रतिबंध शामिल नहीं है।
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