Total Users- 699,774

spot_img

Total Users- 699,774

Monday, April 21, 2025
spot_img

गर्भ गिराना या ना गिराना, यह महिला का निर्णय : इलाहाबाद HC 

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक निर्णय में कहा है कि गर्भ गिराना या उसे बनाए रखना, यह पूरी तरह से महिला का फैसला होना चाहिए। अदालत ने यह टिप्पणी 15 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता के मामले में की। हालांकि, अदालत ने पीड़िता को 32 सप्ताह का गर्भ बनाए रखने की अनुमति प्रदान कर दी। 

बत्तीस सप्ताह का गर्भ गिराने से जुड़े जोखिम को लेकर दुष्कर्म पीड़िता और उसके माता पिता की काउंसलिंग के बाद न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने कहा, “इस अदालत का विचार है कि गर्भ गिराना या नहीं गिराना, यह फैसला कोई और नहीं, बल्कि गर्भवती महिला को लेना होता है।” 

अदालत ने कहा, “यदि पीड़िता गर्भ बनाए रखने का निर्णय करती है और उस बच्चे को गोद लेने के लिए रखती है तो यह सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व है कि इस प्रक्रिया को जितना संभव हो सके, गोपनीय रखा जाए और बच्चे को उसके मौलिक अधिकारों से वंचित ना किया जाए। इस तरह से, यह सुनिश्चित करना भी सरकार की जिम्मेदारी है कि गोद लेने की प्रक्रिया भी कुशल ढंग से की जाए और वह बच्चे के सर्वोत्तम हित में हो।” 

spot_img

More Topics

अनुपमा में अनुज कपाड़िया की होगी वापसी?

रुपाली गांगुली स्टारर टीवी सीरियल अनुपमा में जब अनुज...

रियलिटी शो लाफ्टर शेफ्स में राहुल की जगह जैस्मिन भसीन की एंट्री

कलर्स का रियलिटी शो लाफ्टर शेफ्स फैंस को बहुत...

चेहरे की झुर्रियां 1 हफ्ते में गायब करेगा घी

चेहरे पर झुर्रियां एक आम प्रक्रिया है, जो उम्र...

वो ख्वाबों के दिन (भाग – 27)

वो ख्वाबों के दिन  ( पिछले 26 अंकों में आपने...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े