30 दिसंबर 2024 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। इसने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-C60 रॉकेट के जरिए स्पेडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस मिशन का उद्देश्य भारत के अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) की नींव रखना है और यह चंद्रयान-4 मिशन की सफलता के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो 2028 में लॉन्च हो सकता है।
इस मिशन के तहत पीएसएलवी-C60 रॉकेट ने दो स्पेसक्राफ्ट्स को पृथ्वी से 470 किलोमीटर ऊपर भेजा। 7 जनवरी 2025 को इन दोनों स्पेसक्राफ्ट्स को कनेक्ट किया जाएगा, जो एक बुलेट की गति से दस गुना ज्यादा तेज यात्रा कर रहे हैं। अगर यह मिशन सफल रहता है, तो भारत, रूस, अमेरिका और चीन के बाद चौथा देश बन जाएगा जो इस तरह की तकनीकी उपलब्धि हासिल करेगा।
स्पेडेक्स मिशन में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जैसे कि डिफरेंशियल GNSS पोजिशनिंग सिस्टम, जो सैटेलाइट्स की स्थिति और गति को ट्रैक करता है, साथ ही RODP प्रोसेसर और VHF/UHF ट्रांसीवर के जरिए डाटा शेयरिंग की जाती है। यह मिशन भारत के ‘स्पेस विजन 2047’ का हिस्सा है, जिसके तहत 2035 तक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने और 2040 तक भारतीयों को चंद्रमा पर भेजने का लक्ष्य है। इस मिशन से भारत की अंतरिक्ष तकनीक को नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा।