केयर रेटिंग्स: वित्त वर्ष 2025 के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान 6.5%
केयर रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2025 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 6.8% से घटाकर 6.5% कर दिया है। इस संशोधन के पीछे मुख्य आर्थिक चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं:
वृद्धि में बाधक कारक
- कॉरपोरेट लाभप्रदता में गिरावट
कॉरपोरेट सेक्टर की मुनाफे की दर में हालिया गिरावट आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित कर रही है। - सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में कमी
पहली छमाही में सरकार का पूंजीगत व्यय अपेक्षाकृत कमजोर रहा, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास परियोजनाएँ धीमी पड़ी हैं। - शहरी खपत में सुस्ती
शहरी उपभोक्ताओं की मांग कमजोर रहने से औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों पर असर पड़ा है।
दूसरी छमाही में संभावित सुधार
- सरकारी खर्च में वृद्धि
पूंजीगत व्यय को बढ़ाने की सरकारी योजना विकास दर को पुनर्जीवित कर सकती है। - मजबूत कृषि उत्पादन
बेहतर कृषि उपज से ग्रामीण क्षेत्रों में खपत बढ़ने की उम्मीद है, जो घरेलू मांग को समर्थन देगा। - राजकोषीय स्थिरता
सरकार राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखते हुए आर्थिक स्थिरता पर जोर दे रही है।
निष्कर्ष:
संशोधित वृद्धि अनुमान भारत की मौजूदा आर्थिक चुनौतियों और सुधार के अवसरों को दर्शाता है। दूसरी छमाही में नीतिगत प्रयासों, सरकारी व्यय और ग्रामीण खपत से आर्थिक वृद्धि को बल मिलने की उम्मीद बनी हुई है।