जम्मू में उमर अब्दुल्ला और LG मनोज सिन्हा के बीच टकराव! नाराज मुख्यमंत्री ने केंद्र को लिखा पत्र
जम्मू, 4 अप्रैल: जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बड़ा विवाद तब खड़ा हो गया जब उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा द्वारा बिना राज्य सरकार की मंजूरी के 48 प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले कर दिए गए। इस फैसले से नाराज़ मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर तीखी आपत्ति जताई है और इन तबादलों को “गैरकानूनी” बताते हुए तत्काल रद्द करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने पत्र में गृह मंत्री अमित शाह से कहा है कि उपराज्यपाल द्वारा किए गए फैसले लोकतांत्रिक प्रक्रिया और संविधान के खिलाफ हैं। उन्होंने लिखा, “एक निर्वाचित सरकार के रहते इस तरह के निर्णय राज्य की स्वायत्तता और लोकतंत्र की भावना का उल्लंघन हैं।”
बताया जा रहा है कि यह तबादला आदेश मुख्यमंत्री कार्यालय को विश्वास में लिए बिना जारी किया गया। उमर अब्दुल्ला ने इस कदम को सीधे-सीधे राज्य सरकार के अधिकारों में हस्तक्षेप बताया है।
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी उपराज्यपाल की आलोचना करते हुए कहा है कि उन्हें तबादलों पर निर्णय लेने से पहले कामकाज के नियमों का पालन करना चाहिए था।
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आने वाले हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस मामले को उनके समक्ष भी उठाएंगे।
उमर अब्दुल्ला लंबे समय से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि जब तक केंद्र और उपराज्यपाल के पास शक्तियां रहेंगी, तब तक चुनी हुई सरकार स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पाएगी।
मुख्य बिंदु:
- LG सिन्हा ने 48 अफसरों के तबादले बिना CM की मंजूरी के किए
- उमर अब्दुल्ला ने गृह मंत्री को पत्र लिख जताई नाराजगी
- कांग्रेस ने भी उपराज्यपाल के फैसले पर सवाल उठाए
- जम्मू-कश्मीर में फिर तेज हुई पूर्ण राज्य की बहाली की मांग