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Monday, May 19, 2025
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भारत-बांग्लादेश संबंध: वीज़ा बहाली और कूटनीतिक चुनौतियों पर चर्चा

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाना चाहता है और इस पर हमेशा स्पष्ट रहा है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हुसैन ने उम्मीद जताई कि भारतीय उच्चायोग जल्द ही बांग्लादेशी नागरिकों को वीज़ा जारी करने की प्रक्रिया फिर से शुरू करेगा। उन्होंने मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के विचारों को दोहराते हुए कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छे संबंध बनाए रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

भारत से वीज़ा बहाली की उम्मीद

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान हुसैन ने कहा, “मुख्य सलाहकार के विचार हमारी सरकार के रुख को दर्शाते हैं। हमने हमेशा आपसी सम्मान और रचनात्मक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया है। समय के साथ संबंधों में और अधिक स्पष्टता आएगी।”

जब भारतीय उच्चायोग द्वारा वीज़ा सेवाओं की बहाली को लेकर सवाल किया गया, तो हुसैन ने कहा, “यह निर्णय भारत सरकार का है। वीज़ा जारी करना किसी भी संप्रभु राष्ट्र का विशेषाधिकार होता है, और हम इस पर आपत्ति नहीं कर सकते। हमें उम्मीद है कि भारत जल्द ही अपने फैसले की जानकारी देगा और यात्रियों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाएगा।”

भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय संबंधों की मौजूदा स्थिति

पिछले महीने मस्कट में हिंद महासागर सम्मेलन के दौरान हुसैन ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी। इस बैठक में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों में मौजूद चुनौतियों को पहचानते हुए उनके समाधान पर चर्चा की।

भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर ने इस बातचीत में कहा कि बांग्लादेश को आतंकवाद को सामान्य नहीं बनाना चाहिए। इसके अलावा, बैठक के दौरान इस वर्ष के अंत में बैंकॉक में आयोजित होने वाले बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के बीच संभावित बैठक पर भी चर्चा हुई।

पिछली घटनाओं का प्रभाव

पिछले वर्ष बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों और हिंसा के कारण भारत ने वीज़ा जारी करने की प्रक्रिया रोक दी थी। इन विरोध प्रदर्शनों के बाद देश में हिंसा भड़क उठी थी, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता को लेकर चिंताएँ बढ़ गई थीं।

इसके अलावा, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई थी। हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों और उनके धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़े, जिससे भारत ने कड़ी नाराज़गी जताई थी।

आगे का रास्ता

बांग्लादेशी सरकार भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने और वीज़ा बहाली की दिशा में प्रयासरत है। आने वाले समय में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक चर्चाएँ और उच्चस्तरीय बैठकें इस संबंध में अहम भूमिका निभा सकती हैं। बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में संभावित वार्ता से दोनों देशों के बीच संबंधों में नई दिशा मिलने की संभावना है।

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