विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने को भारत की प्राथमिकता बताते हुए शुक्रवार को कहा कि यह 10 सदस्यीय प्रभावशाली क्षेत्रीय समूह भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिन्द-प्रशांत दृष्टिकोण की आधारशिला है। जयशंकर आसियान की बैठकों में भाग लेने के लिए लाओस की राजधानी में हैं। उन्होंने आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन के दौरान कहा कि भारत आसियान और ईएएस (पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन) मंचों को जो प्राथमिकता देता है, वह पिछले साल नयी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जकार्ता की यात्रा किए जाने से स्पष्ट है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 12 सूत्री योजना की घोषणा की थी, जिस पर बड़े पैमाने पर अमल किया गया है। जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत के लिए आसियान उसकी ‘एक्ट इंडिया’ नीति और उसके हिन्द-प्रशांत दृष्टिकोण की आधारशिला है’ उन्होंने कहा, ‘‘आसियान के साथ वर्तमान राजनीतिक, आर्थिक एवं सुरक्षा सहयोग और लोगों के बीच संपर्क सर्वोच्च प्राथमिकता है, जिसे हम विस्तार देने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं।” जयशंकर ने कहा कि यह देखना उत्साहवर्धक है कि भारत-आसियान साझेदारी हर बीतते दिन के साथ और नए आयाम प्राप्त कर रही है। उन्होंने बैठक की सह-अध्यक्षता करने के लिए अपने सिंगापुरी समकक्ष विवियन बालाकृष्णन को धन्यवाद दिया।