राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुरी ने सोमवार सुबह एक् स हैंडल पर टहलने के चित्र साझा करते हुए अपना अनुभव साझा किया। इस दौरान उन्होंने जलवायु परिवर्तन की चिंता व्यक्त की। इससे पहले, वे जगन्नाथ की रथयात्रा में भी भाग लिया था।
इन दिनों राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा का दौरा कर रहे हैं। रविवार को वे रथयात्रा में भाग लिया। सोमवार को भी उन्होंने समुद्र किनारे की तस्वीरें पोस्ट की हैं। इसमें राष्ट्रपति समुद्र तट पर कुर्सी पर बैठी और टहलते हुए दिखाई देती है।
तटीय क्षेत्रों के जलमग्न होने का खतरा
राष्ट्रपति ने लिखा कि ‘दैनिक कामकाज की आपाधापी में, हम प्रकृति के साथ इस संबंध को खो देते हैं। मानव जाति का मानना है कि उसने प्रकृति पर कब्जा कर लिया है और अपने अल्पकालिक लाभों के लिए इसका दोहन कर रही है। नतीजा सबके सामने है।’
‘पृथ्वी की सतह का सत्तर प्रतिशत से अधिक भाग महासागरों से बना है, और ग्लोबल वार्मिंग के कारण वैश्विक समुद्र स्तर में वृद्धि हो रही है, जिससे तटीय क्षेत्रों के जलमग्न होने का खतरा है।’
राष्ट्रपति ने लिखा कि सौभाग्य से, प्रकृति की गोद में रहने वाले लोगों ने ऐसी परंपरा कायम रखी हैं जो हमें रास्ता दिखा सकती हैं। उदाहरण के लिए, तटीय क्षेत्रों के निवासी हवाओं और समुद्र की लहरों की भाषा जानते हैं। अपने पूर्वजों का अनुसरण करते हुए, वे समुद्र को भगवान के रूप में पूजते हैं।