यूपी पुलिस हाथरस भगदड़ मामले की जांच कर रही है। एफआईआर में सूरजपाल सिंह उर्फ नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) का नाम नहीं है और पुलिस भी उसे आरोपी नहीं मानती है, लेकिन उसके ठिकानों पर छापेमारी जारी है। हाथरस में सत्संग का मुख्य आयोजक भी भाग गया है।
यूपी पुलिस हाथरस मामले की जांच कर रही है। इस बीच, शुक्रवार सुबह कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहले अलीगढ़ और फिर हाथरस पहुंचे। हाथरस दुर्घटना में घायल लोग दोनों स्थानों पर मिले। कुछ प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात की
हाथरस से रवाना होने से पहले राहुल गांधी ने कहा कि प्रशासन की नाकामी से भगदड़ मची और लोगों को जान गंवाना पड़ी।
राहुल गांधी ने कहा कि यह एक दुखद घटना है। बहुत से लोग मर गए हैं। पीड़ित परिवारों को उच्चतम संभव मुआवजा मिलना चाहिए। मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विनम्रतापूर्वक क्षमा मांगता हूँ। मैंने व्यक्तिगत रूप से मृतक के परिवार से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि कोई पुलिस व्यवस्था नहीं थी।’
भक्तों में भड़का गुस्सा, मुख्य आरोपी का वकील आया सामने
इस बीच, भोले बाबा को लेकर भक्तों में भी गुस्सा भड़कने लगा है। भक्तों का कहना है कि बाबा के सत्संग के अब तक किसी परिवार का भला नहीं हुआ है। 121 लोगों की मौत के लिए बाबा जिम्मेदार है और उसके खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए।
हाथरस सत्संग के आयोजक देव प्रकाश मधुकर के वकील ने फिलहाल अपना बयान दिया है। डॉ. एके सिंह, मधुकर के अधिवक्ता, ने बताया कि मधुकर दिल एक मरीज है और अभी अस्पताल में भर्ती है। उन्होंने अस्पताल का नाम नहीं बताया।
ध्यान दें कि एके सिंह वही अधिवक्ता हैं, जिन्होंने पहले सीमा हैदर और फिर निर्भया केस के आरोपी का मुकदमा लड़ा था।
यूपी पुलिस अभी भी कार्रवाई कर रही है। गुरुवार को छह पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए। दो महिलाएं इसमें हैं। 20 से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए हैं। देव प्रकाश मधुकर, मुख्य आयोजक, भाग गया है। उस पर एक लाख रुपये का इनाम पुलिस ने घोषित किया है। वह मनरेगा में तकनीकी सहायक का काम करता है।
इसके सात ही कर्मचारियों को चिह्नित किया जा रहा है जो भीड़ को रोकने, धकेलने और साक्ष्य छुपाने की कोशिश करते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बनाई गई एसआईटी ने अब तक सत्तर व्यक्तियों के बयान दर्ज किए हैं।
फुलरई गांव में मची थी भगदड़
गौरतलब है कि फुलरई गांव में गत मंगलवार को करीब डेढ़ सौ बीघा जमीन में सत्संग का आयोजन किया गया था। सत्संग के बाद बाबा का काफिला जाने को हुआ तो उसके दर्शन करने व चरण रज लेने को भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई।