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Sunday, December 14, 2025
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भारत के उद्योगपति ने चीन के शेन्जेन शहर का किया जिक्र कैसे बना मछली पकड़ने से इलेक्ट्रॉनिक हब

भारत के उद्योगपति महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर चीन के एक शहर का जिक्र किया है. उन्होंने कहा, अब समय आ गया है कि भारत में भी शेन्जेन के जैसा एक शहर बनाया जाए. शेन्जेन चीन का इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब है. यहां पर इंटरनेशनल ट्रे़ड और इन्वेस्टमेंट मजबूत है.

भारत विकास की राह तय कर रहा है. जब हम कामयाबी की कामना करते हैं और आगे बढ़ना चाहते हैं तो हम अपने पास के कामयाब लोगों की तरफ देखते हैं, कुछ सफल लोगों से सीख लेते हैं. इसी तर्ज पर भारत के एक बिजनेसमेन ने अब चीन के शहर की तरफ ध्यान आकर्षण किया है. महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भारत को चीन के एक शहर का उदाहरण दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, अब समय आ गया है कि भारत में भी शेन्जेन के जैसा एक शहर बनाया जाए.

इस शहर का नाम सुनते ही आपके दिमाग में आया होगा कि यह शेन्जेन शहर क्या है, वहां ऐसा क्या खास है कि वहां के जैसे शहर भारत में भी बनाने की कामना की जा रही है. चलिए शेन्जेन की कामयाबी की कहानी पढ़ते हैं और देखते हैं कि मछली पकड़ने वाला एक गांव कैसे टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का ग्लोबल हब बन गया.

शेन्जेन शहर की कामयाबी की कहानी

चीन में शेन्जेन चीन के सबसे प्रमुख एक्सपोर्ट पावरहाउस में से एक के रूप में उभरा है. इस शहर को चीन के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र का हब कहना गलत नहीं होगा. अक्सर इसको चीन की सिलिकॉन वैली” कहा जाता है. सरकार की नीतियों ने इसे टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के ग्लोबल हब के तौर पर बदल दिया है. इस शहर में हार्डवेयर के डेवलपमेंट के लिए दुनिया का सबसे तेज और बेहतरीन इकोसिस्टम है. इसी कामयाबी के लिए इस ने वैश्विक मान्यता हासिल की है.

इस शहर की तेजी से कामयाबी की तरफ बढ़ने की वजह यह भी है कि यह हांगकांग के नजदीक है. इस शहर में तेजी से विदेशी निवेश भी आया है. आज के समय में शेन्ज़ेन चीन की कई बड़ी टेक्नोलॉजी फर्म के लिए मुख्यालय के रूप में काम करता है, जिसमें टेलीकॉम दिग्गज हुआवेई और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता BYD शामिल हैं.

5 पॉइंट में समझिए शेन्जेन क्यों है खास?

  1. शेन्जेन को दुनिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर जाना जाता है. यहां मोबाइल, लैपटॉप और ड्रोन से लेकर कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का निर्माण किया जाता है.
  2. इस शहर में हार्डवेयर डेवलपमेंट के लिए बेहतरीन इकोसिस्टम है.
  3. यह शहर हांगकांग के बहुत पास है, जिससे इसका इंटरनेशनल ट्रे़ड और इन्वेस्टमेंट भी काफी मजबूत है.
  4. यह चीन के सबसे अमीर शहरों में से एक है.
  5. यहां पर विदेशी निवेश और तेजी से औद्योगीकरण (Industrialization) को बढ़ावा मिला है.

एक जमाने में मछली पकड़ता था

चीन का वो शहर जो आज के समय में इलेक्ट्रॉनिक हब बन कर पूरे विश्व के लिए मिसाल बन कर खड़ा है वो एक समय में डेवलपमेंट से काफी दूर था. शेन्जेन कभी मछली पकड़ने वाला एक छोटा सा गांव हुआ करता था. शेन्जेन की किस्मत साल 1980 में चमकी जब इसे चीन का पहला स्पेशल इकोनॉमिक जोन (special economic zone ) नामित किया गया. हांगकांग से इसकी नजदीकी ने इसे एक मैन्युफैक्चरिंग बेस बना दिया है, जिससे “फ्रंट शॉप, बैक फैक्ट्री” मॉडल तैयार हुआ जिसने बड़े पैमाने पर यहां पर विदेशी निवेश और तेजी से औद्योगीकरण (Industrialization) को बढ़ावा दिया.

अमीर शहरों में से एक

साल 2000 के मिडिल तक, शहर की जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग का योगदान आधे से ज्यादा था, लेकिन शेन्ज़ेन यहीं नहीं रुका उसकी तरक्की की राह अभी बाकी थी. साल 2006 में, चीनी सरकार ने हाई-टेक डेवलपमेंट और लोकल इनोवेशन को प्राथमिकता दी, जिससे अनुसंधान एवं विकास खर्च में बढ़ोतरी हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि आज के समय में शेन्ज़ेन 500 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था है, जो मुख्य रूप से हाई टेक एक्सपोर्ट की मदद से संचालित है. इसके 17.8 मिलियन निवासियों में से 65% से अधिक प्रवासी हैं.

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