अन्नाद्रमुक नेता एम. आर. विजयभास्कर के केरल में होने की सूचना पर कार्रवाई करते हुए, सीबी-सीआईडी की एक टीम ने उन्हें ट्रैक किया और वहीं से गिरफ्तार किया है। फिलहाल एम. आर. विजयभास्कर को करूर जिले में वापस लाया गया है और पूछताछ के लिए सीबी-सीआईडी कार्यालय ले जाया गया है।
एम. आर. विजयभास्कर शाम को करूर की एक अदालत में पेश किए जाने की संभावना है।
क्या है करूर जमीन हड़पने का मामला?
बता दें कि तमिलनाडु के करूर जिले के करूर शहर की पुलिस ने 9 जून को सब रजिस्ट्रार (प्रभारी) मोहम्मद अब्दुल कादर की तरफ से दर्ज कराई गई शिकायत पर सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिनमें से ज्यादातर लोग करूर के निवासी हैं।
आरोपियों ने सब रजिस्ट्रार को दी थी धमकी
अपनी शिकायत में सब रजिस्ट्रार मोहम्मद अब्दुल कादर ने कहा था कि जब उन्होंने एक भूखंड पंजीकृत करने का प्रयास किया तो सात व्यक्तियों ने जाली दस्तावेजों के साथ उनके साथ धोखाधड़ी की। उन्होंने कहा कि उन्हें बाद में पता चला कि उनमें से एक दस्तावेज जाली था। इस मामले में जब उन्होंने उनसे पूछताछ की, तो उन्होंने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
नामजद आरोपी होने के बाद से फरार थे विजयभास्कर
वहीं इस मामले में नामजद आरोपी होने के डर से एम. आर. विजयभास्कर, जो अन्नाद्रमुक के जिला सचिव भी हैं, तब से फरार थे। जबकि इस मामले में करूर में जिला सत्र न्यायालय ने एम. आर. विजयभास्कर की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी।
सीबी-सीआईडी को सौंपा गया था केस
ये केस मूल रूप से करूर तालुक पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। जिसे बाद में सीबी-सीआईडी को जांच के लिए सौंप दिया गया था। इस मामले में सीबी-सीआईडी की तरफ से अन्नाद्रमुक नेता एम. आर. विजयभास्कर के सहयोगियों के कई ठिकानों पर छापेमारी भी की गई थी।