रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत यात्रा पर आज नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। यह दौरा भारत-रूस सामरिक और आर्थिक साझेदारी को नई दिशा देने वाला माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव देखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उनके सम्मान में एक निजी रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे।
शिखर वार्ता में होगा बड़ा फोकस – रक्षा डील और व्यापार सुरक्षा
शुक्रवार को होने वाली शिखर वार्ता में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने, द्विपक्षीय व्यापार को बाहरी दबावों से सुरक्षित रखने और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों पर साझेदारी जैसे मुद्दों पर प्रमुख चर्चा होगी। पश्चिमी देशों की नजर इस वार्ता पर बनी हुई है।
पुतिन की यह यात्रा यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली भारत यात्रा है और 2021 के बाद उनका पहला दौरा भी। यह भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने और 23वीं द्विपक्षीय समिट के अवसर पर हो रही है।
समारोह और औपचारिक कार्यक्रम
पुतिन के आगमन के बाद PM मोदी के आवास पर विशेष डिनर होगा। शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत और तीनों सेनाओं की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके बाद राजघाट पर श्रद्धांजलि और फिर हैदराबाद हाउस में आधिकारिक वार्ता होगी। वार्ता के बाद कई बड़े एग्रीमेंट साइन होने की उम्मीद है।
पुतिन के साथ रूस के रक्षा, वित्त, कृषि, आर्थिक विकास, स्वास्थ्य, आंतरिक और परिवहन मंत्री सहित शीर्ष अधिकारी भी भारत पहुंचे हैं।
व्यापार और अर्थव्यवस्था: 2030 रोडमैप बनेगा मुख्य आकर्षण
दोनों देशों के बीच 2024 में द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 63.6 अरब डॉलर पहुंच गया है। भारत व्यापार असंतुलन को लेकर चिंतित है, जिसे दूर करने के लिए रूस ने वैकल्पिक भुगतान व्यवस्था और व्यापार सुरक्षा तंत्र का प्रस्ताव दिया है।
समिट में 2030 तक के लिए स्ट्रेटेजिक आर्थिक सहयोग का बड़ा कार्यक्रम जारी होने की संभावना है। ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, मीडिया, ट्रांसपोर्ट, माइनिंग, स्पेस और नई तकनीक जैसे क्षेत्रों में सेक्टोरल एग्रीमेंट भी साइन हो सकते हैं।
इंडिया-रूस बिज़नेस फोरम
दोनों नेता भारत मंडपम में बिज़नेस फोरम को संबोधित करेंगे, जहाँ निवेश, मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी सहयोग पर चर्चा होगी।
पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की भी संभावना जताई गई है।
डिफेंस सेक्टर में बड़ी डील की संभावना
वार्ता का सबसे अहम हिस्सा रक्षा सहयोग होगा। इसमें कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हो सकती है—
- ब्रह्मोस मिसाइल के एडवांस्ड वेरिएंट्स:
- हल्का एयर-लॉन्च मॉडल BrahMos-NG
- लंबी दूरी वाला एक्सटेंडेड-रेंज वर्जन
- हाइपरसोनिक मिसाइल प्रोजेक्ट्स
- लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइलों पर साझेदारी
- भारत की ओर से और S-400 सिस्टम की संभावित खरीद
ब्रह्मोस एक प्रमुख संयुक्त प्रोजेक्ट है, जिसे भारत ऑपरेशन सिंदूर में तैनात कर चुका है और फिलीपींस जैसे देशों को निर्यात भी कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समन्वय
दोनों नेता UN, SCO, G20 और ब्रिक्स जैसे मंचों पर सहयोग पर भी बात करेंगे। रूस 2026 में BRICS की अध्यक्षता संभालने वाला है और वह भारत के साथ मिलकर एजेंडा तय करने की तैयारी में है।
समापन समारोह
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार शाम पुतिन के सम्मान में औपचारिक राज्य भोज देंगी, जिसके बाद वे मॉस्को के लिए रवाना होंगे।


