अरुणाचल प्रदेश की महिला को शंघाई हवाई अड्डे पर रोके जाने के विरोध में भारत की तीखी प्रतिक्रिया से चीन तिलमिला उठा है जिससे दोनों देशों के संबंधों में तनाव एक बार फिर उभर कर सामने आ गया है।
हम आपको बता दें कि ताज़ा घटनाओं ने भारत-चीन संबंधों के दो सबसे संवेदनशील क्षेत्रों— आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय-संप्रभुता, को एक साथ सुर्खियों में दिया है।
एक ओर भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग चीन की नीतिगत अस्पष्टताओं और तकनीकी सहयोग में बाधाओं से परेशान है; दूसरी ओर शंघाई एयरपोर्ट पर अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय महिला को “अवैध पासपोर्ट” के नाम पर रोके जाने संबंधी घटनाक्रम ने कूटनीतिक तनाव को नई ऊंचाई दी है।
भारत ने बेहद स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और चीन की किसी भी अस्वीकृति से यह तथ्य बदलने वाला नहीं है। देखा जाये तो आर्थिक असहजता और कूटनीतिक टकराव की यह दोहरी परिस्थिति भारत-चीन संबंधों की वास्तविक जटिलताओं को सामने लाती है।


