Total Users- 1,026,691

spot_img

Total Users- 1,026,691

Monday, June 23, 2025
spot_img

“जानिए सुभाष चंद्र बोस की प्रेरणादायक कहानी जो आपको देशभक्ति से भर देगी”

सुभाष चंद्र बोस (Subhas Chandra Bose) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और अद्वितीय क्रांतिकारी थे। उन्हें “नेताजी” के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा (ओडिशा) के कटक में हुआ था। उनके पिता, जानकीनाथ बोस, एक प्रसिद्ध वकील थे। सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई और अपने अद्वितीय दृष्टिकोण और नेतृत्व के लिए आज भी याद किए जाते हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

  • शिक्षा: उन्होंने कलकत्ता (अब कोलकाता) के प्रेसीडेंसी कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेज में शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से इंडियन सिविल सर्विस (ICS) की परीक्षा पास की।
  • आईसीएस से इस्तीफा: 1921 में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ असहमति जताते हुए उन्होंने ICS से इस्तीफा दे दिया।

राजनीतिक जीवन

  • कांग्रेस पार्टी में भूमिका: सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सक्रिय रहे और दो बार इसके अध्यक्ष बने। हालांकि, उनकी विचारधाराएं महात्मा गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं से अलग थीं।
  • फॉरवर्ड ब्लॉक: 1939 में उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की, जो एक अलग गुट था और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को तेज करने पर केंद्रित था।

आज़ाद हिंद फौज (INA)

  • सुभाष चंद्र बोस ने जापान की सहायता से “आजाद हिंद फौज” (Indian National Army – INA) का गठन किया।
  • उन्होंने “दिल्ली चलो” का नारा दिया और भारत को ब्रिटिश शासन से आज़ाद कराने के लिए INA को संगठित किया।
  • “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा” उनका प्रसिद्ध नारा है।

विचारधारा

  • सुभाष चंद्र बोस ने एक मजबूत और सशक्त भारत का सपना देखा।
  • उनका मानना था कि स्वतंत्रता केवल क्रांति और सशस्त्र संघर्ष से प्राप्त की जा सकती है।

निधन

  • सुभाष चंद्र बोस का निधन 18 अगस्त 1945 को ताइवान में एक विमान दुर्घटना में हुआ, लेकिन उनकी मृत्यु को लेकर कई विवाद और रहस्य आज भी बने हुए हैं।

मुख्य योगदान

  1. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारी नेतृत्व।
  2. आज़ाद हिंद फौज की स्थापना।
  3. भारतीयों में देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता का संचार।

उनकी विरासत

सुभाष चंद्र बोस की विचारधारा और योगदान आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं। भारत में उनके नाम पर कई संस्थान, सड़कें और स्मारक स्थापित किए गए हैं। उनकी जीवनगाथा प्रेरणा, साहस और संघर्ष की मिसाल है।

spot_img

More Topics

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर दो दिवसीय भव्य योग महोत्सव का समापन

पूरब टाइम्स रायपुर।11 वे अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर भारतीय...

ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद ओवैसी की तीखी प्रतिक्रिया

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अमेरिका की ओर से...

मुल्तानी मिट्टी के क्या-क्या नुकसान है ?

मुल्तानी मिट्टी (Fuller's Earth) त्वचा के लिए कई तरह...

इसे भी पढ़े