Total Users- 1,049,682

spot_img

Total Users- 1,049,682

Thursday, July 17, 2025
spot_img

“जानें शक संवत का ऐतिहासिक आरंभ और इसके महत्व को”

शक संवत (Shaka Samvat) भारतीय कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण संवत है, जो प्राचीन भारत में स्थापित हुआ था। यह एक सौर कैलेंडर है, और इसे विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में उपयोग किया जाता है। यह संवत 78 ईस्वी में प्रारंभ हुआ था।

शक संवत का प्रारंभ:
शक संवत का आरंभ 78 ईस्वी में हुआ था, जब शक सम्राट रुड्रदामन ने भारत में एक विजय प्राप्त की थी। यह संवत भारतीय इतिहास के एक महत्वपूर्ण समय से जुड़ा हुआ है, और इसे राजा कनिष्क के समय में लोकप्रियता मिली थी।

वर्षों की गणना:
शक संवत में वर्षों की गणना सन 78 ईस्वी से शुरू होती है। इसका मतलब यह है कि 2024 में हम 1946 शक संवत में हैं। इसे भारतीय नववर्ष की शुरुआत और विभिन्न धार्मिक त्योहारों से जोड़ा गया है।

प्रमुख उपयोग:
शक संवत को मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न क्षेत्रों में, खासकर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और उत्तर भारत में सरकारी दस्तावेज़ों और आधिकारिक कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर भी इसी पर आधारित है।

महत्वपूर्ण दिन:

  1. शक नवीन वर्ष: यह हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है, जो भारतीय कैलेंडर के अनुसार नया वर्ष होता है।
  2. होलिका दहन: होली का पर्व भी इस संवत के अनुसार मनाया जाता है।

सारांश:
शक संवत का आरंभ 78 ईस्वी में हुआ और यह भारतीय कैलेंडर का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उपयोग विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए किया जाता है।

spot_img

More Topics

क्या तेज़ी से वजन कम करने के लिए पोहा और उपमा है बेहतर विकल्प

भारत के विविध पाककला परिदृश्य में, नाश्ता दिन की...

कई पोषक तत्वों की खान अनानास आपके शरीर में लिए वरदान माना है

अनानास में विटामिन सी, विटामिन बी6, मैंगनीज, पोटैशियम, फोलेट...

क्या 4000 करोड़ बजट की रणबीर की रामायण हो जाएगी फ्लॉप?

रामायण प्रोड्यूसर नमित मल्होत्रा के रीसेंट खुलासे ने सबको...

नियद नेल्लानार योजना : माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास की दस्तक

ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं से जोड़ने सालातोंग में सुविधा...

इसे भी पढ़े