संविधान सभा का गठन 9 दिसंबर 1946 को हुआ था। इसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अंतर्गत भारतीय संविधान तैयार करने के लिए स्थापित किया गया था। इसके गठन की प्रक्रिया को कुछ इस प्रकार समझा जा सकता है:
प्रारंभिक चरण:
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग के बीच समझौते के बाद, ब्रिटिश सरकार ने 1946 में संविधान सभा का गठन करने का निर्णय लिया।
- पहले, यह प्रस्तावित किया गया था कि 389 सदस्य होंगे, जिनमें से 292 सदस्य प्रांतों से और 93 सदस्य राज्यों से होंगे, और शेष 4 सदस्य फ्रांसीसी और पुर्तगाली देशों से होंगे।
संविधान सभा की बैठक:
- संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी, जिसमें 207 सदस्य उपस्थित थे।
- यह सभा भारतीय स्वाधीनता संग्राम के विभिन्न विचारधाराओं को एक साथ लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।
- इस सभा का मुख्य उद्देश्य भारतीय संविधान का निर्माण था।
महत्वपूर्ण घटनाएं:
- संविधान सभा की अध्यक्षता डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने की थी।
- इसके विभिन्न समितियों के माध्यम से संविधान तैयार किया गया, जिनमें प्रमुख समिति डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली ‘संविधान प्रारूप समिति’ थी।
- संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को अपनाया और यह 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ।
संविधान सभा की प्रमुख भूमिका:
- भारतीय संविधान का निर्माण: संविधान सभा ने भारतीय संविधान को तैयार किया जो भारत के राजनीतिक और कानूनी ढांचे का आधार बना।
- देश की राजनीतिक और सामाजिक संरचना में एक नया अध्याय शुरू किया।
- यह सभा भारतीय लोकतंत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम थी।
संविधान सभा का गठन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और भारतीय लोकतंत्र के निर्माण में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर था।
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