साबूदाना (साबूदाना) एक प्रकार का बघारा हुआ स्टार्च होता है, जिसे मुख्य रूप से साबूदाना के पौधे की कंद से तैयार किया जाता है। यह आमतौर पर भारतीय व्यंजनों में उपवास या व्रत के दौरान खाया जाता है। इसे बनाने की प्रक्रिया में कई चरण होते हैं:
साबूदाना का स्रोत: साबूदाना ताड़ के पेड़ की कंद (या युकोल) से प्राप्त किया जाता है। यह कंद स्टार्च से भरपूर होते हैं। पहले इन कंदों को अच्छे से उबाला और फिर स्टार्च को बाहर निकाला जाता है।
स्टार्च का निष्कर्षण: कंद से स्टार्च को निकालने के लिए, इसे कूटकर और पानी में अच्छे से धोकर स्टार्च निकाल लिया जाता है। इस स्टार्च को एकत्रित करने के बाद सूखा लिया जाता है।
साबूदाना का रूप देना: सूखा हुआ स्टार्च छोटे-छोटे मोती के आकार में दबा दिया जाता है। ये छोटे मोती साबूदाना के रूप में देखे जाते हैं।
सूखने और पैकेजिंग: साबूदाना को फिर से अच्छे से सूखाया जाता है, ताकि वह लंबे समय तक संरक्षित किया जा सके। इसके बाद इसे पैकेजिंग करके बाजार में बेचा जाता है।
साबूदाना के फायदे:
- यह आसानी से पचने योग्य होता है और उपवास के दौरान सेवन किया जाता है।
- इसमें उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो ऊर्जा प्रदान करते हैं।
- यह ग्लूटेन-मुक्त होता है, जिससे यह ग्लूटेन-एलर्जी वाले लोगों के लिए अच्छा होता है।
साबूदाना के उपयोग:
- उपवास के व्यंजन जैसे साबूदाना खिचड़ी, साबूदाना वड़ा, और साबूदाना खीर में इसका इस्तेमाल किया जाता है।