नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अत्यधिक महत्वपूर्ण था। उनका जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था। एक संपन्न परिवार से होने के बावजूद, नेताजी ने अपनी शिक्षा और करियर के रास्ते को छोड़कर देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना चुना। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में काम किया और बाद में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष को तेज करने के लिए आज़ाद हिंद फौज (Indian National Army, INA) का गठन किया।
आजाद हिंद बैंक की स्थापना: नेताजी ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई को और भी संगठित रूप से लड़ा। उन्होंने अपनी अस्थाई सरकार के तहत 1943 में “आजाद हिंद बैंक” की स्थापना की। यह बैंक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण पहल थी, क्योंकि इसने स्वतंत्रता संग्राम के वित्तीय पक्ष को मजबूत किया। इस बैंक का उद्देश्य स्वतंत्र भारत के लिए वित्तीय प्रणाली तैयार करना था और यह ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता की ओर एक कदम था।
आगे पढ़ेआजाद हिंद बैंक के नोट: आजाद हिंद बैंक ने 1943 में अपनी शुरुआत 10 रुपये के सिक्के से की थी, लेकिन बाद में उसने विभिन्न मूल्य के नोट भी जारी किए। सबसे खास बात यह थी कि इस बैंक के 10,000 रुपये के नोट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर थी। इस नोट का चलन न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण पहचान थी, बल्कि यह ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ भारतीय जनता की जागरूकता और संघर्ष को भी दर्शाता था।
नेताजी का योगदान: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से जुड़ी कई दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानियाँ हैं। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अलग होकर अपनी स्वतंत्र सेना बनाई और देश की आजादी के लिए जंग लड़ी। उनकी सेना ने जापान और अन्य मित्र राष्ट्रों के सहयोग से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नया मोड़ दिया।
नेताजी की मृत्यु के बारे में 18 अगस्त 1945 को ताइवान में हुए विमान दुर्घटना का दावा किया जाता है, लेकिन उनकी मौत को लेकर अनेक सवाल उठते हैं, और यह आज भी एक रहस्य बना हुआ है।
उनका संघर्ष और बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अमिट धरोहर है, और उनकी तस्वीर आज भी हमारे दिलों में जीवित है।
show less