भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि का चुनाव एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो लगभग छह महीने पहले शुरू होती है। इसमें कई फैक्टर्स को ध्यान में रखा जाता है, जैसे उस देश के साथ भारत के संबंध, वहां की सेना, राजनीति और अर्थव्यवस्था का भारत से कनेक्शन। यह निर्णय विदेश मंत्रालय के द्वारा लिया जाता है।
आगे पढ़ेइंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो का गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भारत आना खास है। यह भारत और इंडोनेशिया के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का एक अवसर होगा। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच ब्रह्मोस मिसाइल सौदे को फाइनल किए जाने की चर्चा भी हो रही है। यह 450 मिलियन डॉलर का सौदा हो सकता है, जिसमें भारतीय स्टेट बैंक इंडोनेशिया को ऋण देने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।
मुख्य अतिथि के लिए यह सम्मान बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि उन्हें गणतंत्र दिवस के समारोहों में विशेष सम्मान प्राप्त होता है, जैसे 21 तोपों की सलामी, गार्ड ऑफ ऑनर, और राष्ट्रपति द्वारा विशेष रिसेप्शन का आयोजन। इसके अलावा, वह राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी अर्पित करते हैं।
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