चंपारण सत्याग्रह 1917 में महात्मा गांधी द्वारा बिहार के चंपारण जिले में किया गया एक महत्वपूर्ण आंदोलन था। यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण चरणों में से एक था और गांधीजी के नेतृत्व में ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहला बड़ा सत्याग्रह था।
चंपारण सत्याग्रह का कारण चंपारण के नील खेती में काम करने वाले किसानों के उत्पीड़न से जुड़ा था। अंग्रेजों ने इन किसानों से नील की खेती करवाने के लिए उन्हें अत्यधिक टैक्स वसूल किया था और उन्हें बहुत ही खराब परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया था। इस समस्या के समाधान के लिए गांधीजी ने चंपारण का दौरा किया और किसानों के साथ मिलकर सत्याग्रह किया। इस आंदोलन ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनता की जागरूकता और विरोध को और तेज किया।
चंपारण सत्याग्रह के दौरान गांधीजी ने अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों का पालन करते हुए किसानों के हक के लिए आवाज उठाई। अंततः इस आंदोलन के परिणामस्वरूप ब्रिटिश प्रशासन ने नील की खेती पर लगाए गए अत्यधिक टैक्स को कम किया और किसानों के शोषण को समाप्त किया।
यह सत्याग्रह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ और गांधीजी की अहिंसा की नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने का पहला बड़ा उदाहरण था।