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Wednesday, February 5, 2025
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समझें पथरी होने के कारण और बचाव के आसान उपाय

पथरी (Kidney Stone) एक सामान्य समस्या है, जो अक्सर किडनी या मूत्र मार्ग में होती है। यह तब होती है जब किडनी में खनिज और अन्य पदार्थ जमा हो जाते हैं और ठोस रूप में बदल जाते हैं। पथरी विभिन्न आकारों में हो सकती है, जो छोटे बाल के आकार से लेकर बड़े पत्थरों तक हो सकते हैं।

पथरी होने के मुख्य कारण:

  1. पानी की कमी (Dehydration): अगर शरीर में पानी की कमी होती है, तो मूत्र में खनिज और अन्य पदार्थ ज्यादा सघन हो जाते हैं, जिससे पथरी बन सकती है।
  2. खानपान की आदतें: कैल्शियम, ऑक्सलेट्स (जैसे पालक, चॉकलेट), सोडियम, और प्रोटीन अधिक सेवन करने से पथरी का खतरा बढ़ सकता है।
  3. मूत्र में अधिक अम्ल (High urine acidity): कुछ खाद्य पदार्थ और दवाइयाँ मूत्र में अम्लिता बढ़ा सकती हैं, जिससे पथरी बनने का खतरा रहता है।
  4. जीन (Genetic factors): अगर परिवार में किसी को पथरी हुई हो, तो उसके बच्चों को भी पथरी होने की संभावना अधिक होती है।
  5. शारीरिक गतिविधियों की कमी: कम शारीरिक गतिविधि से भी पथरी बनने का खतरा बढ़ सकता है।
  6. बिमारीयों का प्रभाव: कुछ बिमारियाँ जैसे मोटापा, उच्च रक्तचाप, और डायबिटीज भी पथरी के खतरे को बढ़ा सकती हैं।

पथरी के प्रकार:

  1. कैल्शियम पथरी: यह सबसे सामान्य प्रकार की पथरी होती है, जो कैल्शियम ऑक्सलेट या कैल्शियम फॉस्फेट से बनी होती है।
  2. यूरिक एसिड पथरी: यह उन लोगों में अधिक होती है, जो उच्च प्रोटीन वाले आहार का सेवन करते हैं।
  3. स्ट्रूवाइट पथरी: यह पथरी मूत्र मार्ग में बैक्टीरिया संक्रमण के कारण बनती है।
  4. सिस्टिन पथरी: यह एक दुर्लभ प्रकार की पथरी होती है, जो सिस्टिन नामक अमीनो एसिड से बनती है और आमतौर पर वंशानुगत होती है।

पथरी के लक्षण:

  1. पीठ या पेट में दर्द: किडनी के पास या पीठ के निचले हिस्से में अचानक तेज दर्द महसूस हो सकता है।
  2. मूत्र में खून आना: पथरी मूत्रमार्ग में रगड़ कर खून निकाल सकती है।
  3. मूत्र में जलन या दर्द: मूत्र करने के दौरान जलन या दर्द होना।
  4. वमिती (वमन): पेट में दर्द के कारण उल्टी भी हो सकती है।
  5. बुखार और ठंड लगना: अगर पथरी के कारण संक्रमण हो जाए तो बुखार और ठंड लग सकते हैं।

पथरी का इलाज:

  1. दवाइयाँ: छोटी पथरी को दर्द निवारक दवाइयाँ और मूत्रवर्धक दवाइयाँ देकर निकालने में मदद की जाती है।
  2. लिथोट्रिप्सी (Lithotripsy): यह एक प्रक्रिया है, जिसमें पथरी को उच्च ध्वनि तरंगों (लिथोट्रिप्सी) से तोड़ा जाता है।
  3. सर्जरी (Surgical removal): यदि पथरी बहुत बड़ी हो या लिथोट्रिप्सी से नहीं टूटती, तो सर्जरी से उसे बाहर निकाला जा सकता है।
  4. डायट और लाइफस्टाइल में बदलाव: अधिक पानी पीने और खनिजों और नमक के सेवन को कम करने से पथरी बनने की संभावना घट सकती है।

पथरी से बचाव के उपाय:

  1. पानी का सेवन बढ़ाना: दिन भर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीने से पथरी बनने का खतरा घटता है।
  2. संतुलित आहार: फल, सब्जियाँ और फाइबर से भरपूर आहार लें, और वसा और प्रोटीन का अधिक सेवन न करें।
  3. नमक का कम सेवन: अधिक नमक का सेवन पथरी के जोखिम को बढ़ा सकता है, इसलिए इसका सेवन कम करें।
  4. व्यायाम: नियमित व्यायाम से शरीर स्वस्थ रहता है, जिससे पथरी का खतरा कम होता है।

यदि पथरी के लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि समय पर इलाज न मिलने से समस्या बढ़ सकती है।

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