मिर्गी, जिसे एपिलेप्सी भी कहा जाता है, एक न्यूरोलॉजिकल विकार है जिसमें मस्तिष्क के तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) में असामान्य गतिविधि के कारण अचानक दौरे (सीज़र्स) आते हैं। मिर्गी के कारणों को दो मुख्य श्रेणियों में बांटा जा सकता है:
आंतरिक कारण (Primary Causes)
- जेनेटिक कारण: मिर्गी कभी-कभी अनुवांशिक होती है, यानी परिवार में किसी सदस्य को मिर्गी हो तो दूसरों को भी हो सकती है।
- मस्तिष्क में संरचनात्मक परिवर्तन: मस्तिष्क की किसी खास क्षेत्र में संरचनात्मक बदलाव, जैसे कि चोट, संक्रमण, या दिमागी ट्यूमर।
- न्यूरोकेमिकल असंतुलन: मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संदेश पहुंचाने वाली रसायनों का असंतुलन मिर्गी का कारण बन सकता है।
बाहरी कारण (Secondary Causes)
- मस्तिष्क की चोट: सिर पर लगी चोट या मस्तिष्क में चोट के कारण मिर्गी हो सकती है।
- इंफेक्शन: मस्तिष्क के संक्रमण जैसे मस्तिष्क ज्वर (Encephalitis) या मेंनिंजाइटिस भी मिर्गी का कारण बन सकते हैं।
- लंबे समय तक बुखार: उच्च बुखार के कारण बच्चों में कभी-कभी मिर्गी के दौरे हो सकते हैं।
- दवाइयों का प्रभाव: कुछ दवाइयां भी मिर्गी का कारण बन सकती हैं, विशेष रूप से जब उनका प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है।
- नशे की लत या शराब का सेवन: शराब या ड्रग्स का अत्यधिक सेवन भी मिर्गी को उत्पन्न कर सकता है।
मिर्गी के लक्षण:
- दौरे: शरीर का अकड़ना या झटके लगना।
- बेहोशी: अचानक मानसिक स्थिति में बदलाव आना।
- आंखों के सामने अंधेरा आना: ध्यान की कमी और संतुलन की समस्या।
उपचार:
मिर्गी का इलाज दवाइयों से किया जाता है। यदि दवाइयां प्रभावी नहीं होती हैं, तो सर्जरी, वागस तंत्रिका उत्तेजना (Vagus Nerve Stimulation) या मस्तिष्क में गहरी उत्तेजना (Deep Brain Stimulation) के विकल्प भी होते हैं।
मिर्गी का उपचार व्यक्ति के कारणों और स्थिति के अनुसार भिन्न हो सकता है, और विशेषज्ञ से सलाह लेने की सलाह दी जाती है।
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