धूम्रपान में कमी लाने से पुरुषों की जीवन प्रत्याशा में एक वर्ष की वृद्धि होने का अनुमान है। जानें इस शोध के प्रमुख निष्कर्ष और जीवन को प्रभावित करने वाले अन्य कारक।
नई दिल्ली: धूम्रपान में कमी लाने के लिए यदि वर्तमान दरों को 2050 तक पांच प्रतिशत तक कम किया जाए, तो पुरुषों की जीवन प्रत्याशा में एक वर्ष और महिलाओं की जीवन प्रत्याशा में 0.2 वर्ष की वृद्धि हो सकती है। यह निष्कर्ष हाल ही में द लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित वैश्विक मॉडलिंग अध्ययन से सामने आया है।
शोध का उद्देश्य
शोधकर्ताओं का उद्देश्य यह जानना था कि धूम्रपान की आदत में कमी लाने से जीवन प्रत्याशा पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। इसके लिए उन्होंने विश्व भर में धूम्रपान के वर्तमान ट्रेंड्स का अध्ययन किया। इस शोध में यह भी देखा गया कि धूम्रपान की दरों में कमी लाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
धूम्रपान की वर्तमान स्थिति
शोध के अनुसार, यदि मौजूदा रुझानों को देखा जाए तो पुरुषों में धूम्रपान की दर 2050 तक 21 प्रतिशत और महिलाओं में लगभग चार प्रतिशत तक कम हो सकती है। धूम्रपान केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि सामाजिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डालता है।
जीवन प्रत्याशा में वृद्धि का महत्व
जीवन प्रत्याशा का अर्थ है किसी व्यक्ति की जीवनकाल का अनुमान। यदि धूम्रपान की दरें कम होती हैं, तो इसका सकारात्मक प्रभाव व्यक्ति की सेहत पर पड़ सकता है। शोध के अनुसार, धूम्रपान में कमी लाने से जीवन प्रत्याशा में इस वृद्धि का एक बड़ा कारण है कि इससे होने वाली गंभीर बीमारियों की संख्या में कमी आएगी।
धूम्रपान से होने वाली बीमारियाँ
धूम्रपान कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है, जिनमें हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर, और स्ट्रोक जैसी बीमारियाँ शामिल हैं। ये बीमारियाँ न केवल व्यक्ति के जीवन को संक्षिप्त करती हैं, बल्कि यह समाज और स्वास्थ्य प्रणाली पर भी अतिरिक्त बोझ डालती हैं।
अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष
शोध में यह भी पाया गया कि यदि धूम्रपान में तेजी से कमी लाई जाती है, तो इससे 876 मिलियन जीवन के वर्ष बचाए जा सकते हैं। यह एक बड़ा आंकड़ा है, जो यह दर्शाता है कि यदि हम धूम्रपान के खिलाफ ठोस कदम उठाते हैं तो हम कितनी जानें बचा सकते हैं।
धूम्रपान नियंत्रण की आवश्यकता
धूम्रपान के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। इसके लिए सरकारों और स्वास्थ्य संगठनों को मिलकर काम करना होगा। इसके साथ ही, धूम्रपान छोड़ने के लिए कार्यक्रम और संसाधन उपलब्ध कराना भी जरूरी है।
धूम्रपान पर नियंत्रण के उपाय
- जागरूकता अभियान: धूम्रपान के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक अभियानों की आवश्यकता है।
- धूम्रपान छोड़ने के कार्यक्रम: लोगों को धूम्रपान छोड़ने में मदद करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और संसाधन उपलब्ध कराए जाने चाहिए।
- सामाजिक समर्थन: परिवार और दोस्तों का समर्थन धूम्रपान छोड़ने में महत्वपूर्ण होता है।
- नीतिगत उपाय: सरकारों को ऐसे कानून बनाने चाहिए जो धूम्रपान की प्रवृत्ति को नियंत्रित कर सकें, जैसे कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध।
धूम्रपान में कमी लाने से जीवन प्रत्याशा में वृद्धि एक सकारात्मक विकास है। यदि हम अपने समाज में धूम्रपान की प्रवृत्ति को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय कदम उठाते हैं, तो यह न केवल हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास में भी मदद करेगा।
जीवन को बढ़ाने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा और धूम्रपान के खिलाफ एक ठोस दृष्टिकोण अपनाना होगा।
यह शोध यह दर्शाता है कि हमारे स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना और धूम्रपान जैसी आदतों को छोड़ने का प्रयास करना कितना महत्वपूर्ण है।