वाराणसी: भगवान शिव को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय है. यही कारण है कि सावन में सबसे ज्यादा शिवलिंग में बेलपत्र चढ़ाई जाती है. इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व हिंदू धर्म में अत्यधिक है. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि पहली बार बेलपत्र पर राम का नाम किसने और क्यों लिखा था. इस रहस्य से काशी के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. संजय उपाध्याय ने पर्दा उठाया है. इन्होंने इस प्राचीन परंपरा के पीछे क्या कारण है और इसका क्या महत्व है, उसे विस्तार से समझाया है.
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि बेलपत्र पर राम का नाम सबसे पहले माता पार्वती ने लिखा था. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी आराधना के लिए माता पार्वती ने राम नाम अंकित बेलपत्रों का उपयोग किया था. राम का नाम भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इसे बेलपत्र पर लिखकर अर्पित करने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं.