गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है। हर साल गणेश चतुर्थी के दौरान भक्त बड़ी धूमधाम से भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
भगवान गणेश को गजानन, धूम्रकेतु, एकदंत, वक्रतुंड और सिद्धि विनायक सहित विभिन्न नामों से जाना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार शुरू हो जाता है। महाराष्ट्र और गुजरात समेत देश के सभी हिस्सों में गणेश उत्सव की खूब धूम देखने को मिलती है।
गणेश चतुर्थी तिथि 2024
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 7 सितंबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी।
प्रदोष काल और निशा काल में की जाने वाली पूजा को छोड़कर सभी व्रत और त्योहारों की गणना उदया तिथि से की जाती है। ऐसे में गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाई जाएगी।
गणेश चतुर्थी तिथि 2024
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 7 सितंबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी।
प्रदोष काल और निशा काल में की जाने वाली पूजा को छोड़कर सभी व्रत और त्योहारों की गणना उदया तिथि से की जाती है। ऐसे में गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाई जाएगी।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म हिंदू पंचांग, में भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष के दौरान हुआ था। इस साल गणेश चतुर्थी का उत्सव 7 सितंबर दिन शनिवार को मनाया जाएगा, जबकि गणेश विसर्जन 17 सितंबर, 2024 दिन मंगलवार को किया जाएगा।
भगवान गणेश स्थापना मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, विनायक चतुर्दशी के दिन मूर्ति स्थापना का मुहूर्त सुबह 11.03 बजे शुरू होगा और दोपहर 1.34 बजे समाप्त होगा। यानी कि यह अवधि कुल 2 घंटे 31 मिनट तक रहेगी। गणेश चतुर्थी पर 6 सितंबर को रात 9.01 बजे से 8.16 बजे तक चंद्रमा को देखने से बचने की सलाह दी जाती है।
गणेश चतुर्थी पूजा विधि
गणेश चतुर्थी के त्योहार के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान करें।
पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें।
इसके बाद भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करें।
पूजा के लिए शुभ समय पर उत्तर-पूर्व कोने में एक चौकी की स्थापित करें।
इसके बाद चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं।
अब भगवान गणेश को चौकी पर बिठाएं।
हर दिन भगवान गणेश की पूजा करें।
अंतिम दिन भगवान गणेश को श्रद्धापूर्वक विदा करें।