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सावन शिवरात्रि के दिन क्या करें और क्या नहीं, नोट कर लें पूजा के नियम…

हर साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है। सावन की शिवरात्रि और भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

ऐसा करने से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन अविवाहित लोग अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए और विवाहित लोग सुखी दांपत्य जीवन के लिए व्रत रखते हैं। सावन शिवरात्रि के दिन कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।

सावन शिवरात्रि के दिन करें ये कार्य

  • सावन शिवरात्रि के दिन स्नान ध्यान से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें।
  • किसी मंदिर में जाकर सबसे पहले गणेश जी का स्मरण करें उन्हें प्रणाम करें।
  • इसके बाद गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। अभिषेक लोटे से ही करें। उसके बाद कच्चे दूध से अभिषेक करें। फिर से सामान्य जल से अभिषेक करें।
  • आप जल में बेलपत्र और सुगंध मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें। आप पीतल के लोटे में दूध, दही, शहद, गंगाजल और जल मिलाकर पंचामृत भी बना सकते हैं।
  • इस पंचामृत से अभिषेक करने के दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
  • उसके बाद शिवलिंग पर भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, बेलपत्र, पुष्प, फल आदि अर्पित करें और इन मेट्रो का जाप करते रहें या फिर शिव चालीसा का पाठ करें।
  • महिलाएं देवी पार्वती को श्रृंगार का सामान जैसे हरी चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी और वस्त्र अर्पित करें। सिंदूर अर्पित करने के बाद इस सिंदूर को अपने माथे पर लगाएं।
  • विवाहित स्त्रियां सिंदूर को अपनी मांग में लगाएं और अविवाहित कन्याएं इस दौरान रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें। माता पार्वती को पुष्प और फल अर्पित करें। पूजा का समापन आरती के साथ करें।

सावन शिवरात्रि पर न करें ये कार्य

  • कहा जाता है कि सावन शिवरात्रि के दिन अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। इस दिन व्रत रखना चाहिए। संध्या आरती के बाद ही फलाहार किया जा सकता है।
  • सावन शिवरात्रि के अगले दिन स्नान-ध्यान के बाद पूजा-पाठ करके ही व्रत का पारण करें व्रत खोलने के लिए आप अन्न ग्रहण कर सकते हैं।
  • सावन शिवरात्रि पर दिन के समय सोना नहीं चाहिए। इस दिन सोना वर्जित माना जाता है।
  • उपवास नहीं रख रहे हैं, तो इस दिन तामसिक चीज जैसे लहसुन, प्याज आदि का प्रयोग ना करें। इस दिन पूरी तरह से शुद्ध और पवित्र होना चाहिए।
  • इस दिन घर का कोई भी सदस्य तामसिक भोजन या शराब आदि का सेवन न करें। सावन शिवरात्रि के दिन खट्टी चीजों का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
  • पूजा में तुलसी दल, श्रृंगार, सिंदूर जैसी कोई भी ऐसी वस्तु न चढ़ाएं। इस दिन शिवलिंग पर टूटे चावल या फिर काले तिल भी अर्पित ना करें।
  • शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए और ना ही शिवजी पर कमल, कनेर और केतकी के फूल अर्पित करने चाहिए।

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