सनातन धर्म में रुद्राक्ष को भगवान शिव का आशीर्वाद माना जाता है। मान्यता है कि रुद्राक्ष को विधि-विधान से धारण करने पर कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। रुद्राक्ष 1 मुखी से लेकर 21 मुखी तक होते हैं, और हर मुख का अलग महत्व होता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष क्यों है खास?
शिव महापुराण के अनुसार, तीन मुखी रुद्राक्ष त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने से इन तीनों देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलती है।
तीन मुखी रुद्राक्ष के फायदे:
- ग्रह दोष निवारण: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल और सूर्य अशुभ स्थिति में हैं, तो तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
- मानसिक तनाव से मुक्ति: अगर कोई व्यक्ति तनाव, चिंता या अवसाद से जूझ रहा है, तो यह रुद्राक्ष शांति और आत्मबल प्रदान करता है।
- आत्मविश्वास और साहस: इसे पहनने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है।
- विद्यार्थियों के लिए लाभकारी: यह रुद्राक्ष एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होता है, जिससे छात्रों को पढ़ाई में अधिक लाभ मिलता है।
धारण करने की विधि:
तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पहले “ऊं क्लीं नम:” मंत्र का जाप करें और इसे शिवलिंग के सामने या मंदिर में रखकर पूजन करें। तत्पश्चात इसे लाल धागे में पिरोकर गले या हाथ में धारण करें।
रुद्राक्ष धारण करने से पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श लेना हमेशा उचित माना जाता है ताकि इसका अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके।