2 अगस्त को सावन शिवरात्रि मनाई जाएगी। 72 वर्ष बाद, सावन का महीना सोमवार से शुरू होकर सोमवार पर खत्म होता है। इस दिन पार्थिव शिवलिंग की पूजा की जाती है। चलिए जानते हैं कि पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिवरात्रि की पूजा में क्या-क्या आवश्यक सामग्री बताई हैं..।इस सावन महीने में शुभ योगों में शुक्र आदित्य योग, बुधादित्य योग, नव पंचम योग, गजकेसरी योग, कुबेर योग और शश योग शामिल हैं। 2 अगस्त 2024 को सावन में होने से शिवरात्रि का महत्व बहुत बढ़ जाता है। इस दिन शिव पर जलाभिषेक करने से शिवजी की कृपा बनी रहती है, घर-परिवार में सुख-शांति रहती है, मन सकारात्मक रहता है और घर और व्यापार में समृद्धि आती है। सावन की शिवरात्रि को रत्नों और रुद्राक्षों के लिए उत्तम दिन माना जाता है। सावन शिवरात्रि पूजा करने का सबसे अच्छा समय निशिता काल है, जो रात 12 बजे से शुरू होता है।रात की पहली पूजा शाम 07:11 से रात 09:49 बजे तक चलेगी. दूसरी पूजा रात 09:49 से देर रात 12:27 बजे तक चलेगी. तृतीय पूजा 2 अगस्त की देर रात 12:27 से 03:06 बजे तक चलेगी. चौथी पूजा सुबह 03:06 से 05:44 बजे तक चलेगी।
सावन शिवरात्रि की पूजा करने के लिए कई लोग मंदिर नहीं जाते हैं। ऐसे में विद्वानों ने पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करने की सलाह दी है। कई लोगों को पूजा में किन-किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है, इसके बारे में सही जानकारी भी नहीं है। इसलिए, इस बार पंडित प्रदीप मिश्रा ने सावन शिवरात्रि पूजा सामग्री की सूची को अधिक विस्तृत बनाया21 दाने गेहूं, 5 कमल गट्टे, 108 दाने चावल, 21 काली मिर्च, 1 चुटकी काले तिल, 1 धतूरा, 7 बेलपत्र, 7 शमी पत्र, 7 लाल फूल (गुलाब होना चाहिए), 7 सादे पुष्प, दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, इत्र, गंगाजल, तीन गोल सुपारी, रोली और कलावा, अबीर, गुलाल, पीला चंदन, चावल, कपूर, दो दीपक