घर में दैनिक पूजा करना न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा भी उत्पन्न करता है। हालाँकि, पूजा के कुछ निश्चित नियम होते हैं, जिनका पालन करने से शीघ्र फल प्राप्त होता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण नियम दिए गए हैं:
1. स्नान एवं शुद्धता
- पूजा से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल को साफ रखें और प्रतिदिन दीप जलाएं।
2. पूजा का समय
- ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) या कम से कम सूर्योदय के समय पूजा करना शुभ होता है।
- शाम को भी दीप जलाने और प्रार्थना करने का नियम बनाएं।
3. पूजा स्थल की शुद्धता
- घर के उत्तर-पूर्व कोने (ईशान कोण) में पूजा स्थल बनाना उत्तम माना जाता है।
- पूजा स्थान को गंदा न रखें और वहां जूते-चप्पल न पहनें।
4. भगवान को भोग लगाना
- पूजा के बाद भगवान को प्रसाद अर्पित करें, फिर परिवार के अन्य सदस्य उसे ग्रहण करें।
- प्याज, लहसुन और तामसिक भोजन ग्रहण करने के बाद पूजा न करें।
5. मंत्र और ध्यान
- पूजा के दौरान शुद्ध उच्चारण के साथ मंत्रों का जाप करें।
- भगवान का ध्यान एकाग्र मन से करें और श्रद्धा भाव रखें।
6. दीपक और अगरबत्ती
- तिल, सरसों या गाय के घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
- अगरबत्ती या धूपबत्ती जलाने से वातावरण सुगंधित और सकारात्मक होता है।
7. तुलसी जल अर्पण और सूर्य अर्घ्य
- प्रतिदिन तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- सूर्य अर्घ्य देते समय गायत्री मंत्र का जाप करना उत्तम होता है।
8. घंटी और शंख
- पूजा के दौरान घंटी बजाने और शंख फूंकने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
9. पूजा के बाद आचरण
- पूजा के बाद मन, वचन और कर्म से अच्छे आचरण का पालन करें।
- किसी से कटु वचन न बोलें और दान-पुण्य करें।
10. संध्या आरती का महत्व
- सुबह और शाम आरती करना बहुत शुभ होता है, इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
इन नियमों का पालन करके पूजा करने से शीघ्र फल की प्राप्ति होती है और घर में शांति एवं सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। 🚩🙏