नया मंगलसूर्त पहनना हर महिला के लिए खास होता है। जानिए मंगलसूत्र पहनने का सही दिन, मुहूर्त और विधि। शुभ मुहूर्त में मंगलसूत्र पहनकर अपने वैवाहिक जीवन को और मजबूत बनाएं।
मंगलसूत्र विवाहित हिंदू महिलाओं का एक महत्वपूर्ण आभूषण है। यह सुहाग का प्रतीक माना जाता है। नया मंगलसूत्र पहनना एक विशेष अवसर होता है। लेकिन, कई महिलाओं के मन में यह सवाल रहता है कि नया मंगलसूत्र किस दिन पहनना चाहिए? आइए जानते हैं मंगलसूत्र पहनने के शुभ दिन, मुहूर्त और विधि के बारे में।
मंगलसूत्र पहनने का सही दिन
मंगलसूत्र पहनने के लिए कई शुभ दिन बताए गए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख दिन निम्नलिखित हैं:
- अक्षय तृतीया: अक्षय तृतीया को बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन नया मंगलसूत्र पहनना बहुत शुभ होता है। यह दिन नए काम की शुरुआत और शुभ कार्यों के लिए भी माना जाता है।
- धनतेरस: धनतेरस के दिन नया मंगलसूत्र खरीदना और पहनना शुभ माना जाता है। यह दिन धन और समृद्धि का प्रतीक है, और मंगलसूत्र को पहनकर महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में समृद्धि लाने की कामना करती हैं।
- पूर्णिमा: पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की किरणें बहुत शक्तिशाली होती हैं। इस दिन मंगलसूत्र पहनने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है। पूर्णिमा को सकारात्मक ऊर्जा और नए शुरुआत का दिन माना जाता है।
- सोमवार, गुरुवार और शुक्रवार: इन दिनों को देवी लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इसलिए इन दिनों मंगलसूत्र पहनना शुभ होता है। देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है, और इन दिनों मंगलसूत्र पहनकर महिलाएं अपने जीवन में सुख-समृद्धि लाने की कामना करती हैं।
मंगलसूर्त पहनने का शुभ मुहूर्त
- सुबह: सुबह का समय मंगलसूत्र पहनने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। सुबह का समय शुद्ध और पवित्र माना जाता है, और इस समय मंगलसूत्र पहनने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
- विवाह वर्षगांठ: अपनी शादी की सालगिरह पर नया मंगलसूत्र पहनना भी शुभ होता है। यह दिन वैवाहिक बंधन को और मजबूत बनाने का एक अवसर होता है।
- त्यौहार: किसी शुभ त्योहार के दिन भी नया मंगलसूत्र पहना जा सकता है। त्योहारों के दिन सकारात्मक ऊर्जा होती है, और इस दिन मंगलसूत्र पहनने से जीवन में खुशियां आती हैं।
मंगलसूत्र पहनने की विधि
- स्नान के बाद: मंगलसूत्र को स्नान करने के बाद पहनना चाहिए। स्नान करने से शरीर और मन शुद्ध हो जाता है, और इस अवस्था में मंगलसूत्र पहनने से इसका प्रभाव अधिक होता है।
- ॐ का जाप: मंगलसूत्र को गले में डालते समय “ॐ” का जाप करें। “ॐ” एक पवित्र मंत्र है जो सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
- शुद्ध हाथों से: मंगलसूत्र को हमेशा शुद्ध हाथों से ही स्पर्श करें। गंदे हाथों से मंगलसूत्र को स्पर्श करने से वह अशुद्ध हो सकता है।
- साफ-सुथरा रखें: मंगलसूत्र को साफ-सुथरा रखें। इसे नियमित रूप से साफ करें और धूल-मिट्टी से बचाएं।
निष्कर्ष
मंगलसूत्र एक पवित्र आभूषण है जो वैवाहिक जीवन की मजबूती का प्रतीक है। इसे सही दिन और मुहूर्त में पहनने से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है।