सनातन धर्म में रुद्राक्ष को शिव का अत्यंत पवित्र रूप माना जाता है और इसे धारण करने के अनेक लाभ बताए गए हैं।
आइए तीन मुखी रुद्राक्ष के बारे में कुछ और विस्तार से जानते हैं:
तीन मुखी रुद्राक्ष का महत्व
- त्रिदेवों का प्रतीक: शिव पुराण के अनुसार, तीन मुखी रुद्राक्ष ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) का प्रतिनिधित्व करता है। इसीलिए इसे धारण करने से इन तीनों देवताओं की कृपा प्राप्त होती है।
- मंगल और सूर्य दोष निवारण: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तीन मुखी रुद्राक्ष मंगल और सूर्य ग्रहों से संबंधित दोषों को दूर करने में अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
- आत्मविश्वास और एकाग्रता: यह रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति में आत्मविश्वास और एकाग्रता बढ़ाता है।
- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: तीन मुखी रुद्राक्ष शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। यह तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में प्रभावी होता है।
- सफलता और समृद्धि: यह रुद्राक्ष व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि दिलाता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
- शुद्धि: रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए।
- मंत्र जाप: रुद्राक्ष को धारण करने के दौरान ‘ऊं क्लीं नम:’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
- दिन: रुद्राक्ष को सोमवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है।
- अंगूली: इसे दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करना चाहिए।
किन लोगों को तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए?
- जिन लोगों की कुंडली में मंगल और सूर्य अशुभ स्थिति में हैं।
- जो लोग आत्मविश्वास की कमी से ग्रस्त हैं।
- जो लोग तनाव और चिंता से पीड़ित हैं।
- जो लोग एकाग्रता बढ़ाना चाहते हैं।
- विद्यार्थी वर्ग
ध्यान रखने योग्य बातें
- रुद्राक्ष को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए।
- इसे किसी भी धातु के संपर्क में नहीं आने देना चाहिए।
- रुद्राक्ष को किसी भी रसायन के संपर्क में नहीं आने देना चाहिए।
अंत में:
तीन मुखी रुद्राक्ष एक शक्तिशाली रत्न है जो व्यक्ति के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव ला सकता है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि रुद्राक्ष केवल एक साधन है और सच्ची आस्था और भक्ति के बिना इसके पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं।
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