भगवान को फूल अर्पित करने के नियमों का पालन करने से पूजा अधिक फलदायी मानी जाती है। शास्त्रों में फूल अर्पित करने के कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, जिनका ध्यान रखने से पूजा का लाभ दोगुना हो सकता है। आइए जानते हैं वे जरूरी नियम—
1. ताजे और सुगंधित फूलों का करें प्रयोग
भगवान को अर्पित करने के लिए हमेशा ताजे, खिले हुए और सुगंधित फूलों का ही चयन करें। मुरझाए, टूटे या कीड़े लगे फूल चढ़ाना अशुभ माना जाता है।
2. सुबह तोड़े गए फूल सर्वोत्तम
पुष्पों को सुबह के समय स्नान करके शुद्ध हाथों से तोड़ना चाहिए। रात में तोड़े गए या जमीन पर गिरे हुए फूलों का प्रयोग वर्जित है।
3. फूल तोड़ते समय करें भगवान का ध्यान
फूल तोड़ते समय भगवान का नाम लेना चाहिए और मानसिक रूप से क्षमा प्रार्थना करनी चाहिए, क्योंकि यह भी एक प्रकार का जीव है।
4. कुछ विशेष फूलों का करें परहेज
- केतकी (केवड़ा) का फूल भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए।
- तुलसी के पत्ते भगवान शिव को अर्पित नहीं किए जाते।
- दूर्वा घास भगवान विष्णु को नहीं चढ़ाई जाती।
5. पहले जल से शुद्ध करें फूल
फूलों को अर्पित करने से पहले गंगाजल या स्वच्छ जल से शुद्ध कर लेना चाहिए, जिससे वे और पवित्र हो जाएं।
6. कुछ विशेष फूलों का महत्व
- भगवान विष्णु को कमल, अशोक और पीले फूल चढ़ाने से कृपा प्राप्त होती है।
- भगवान शिव को बिल्वपत्र और आक-धतूरे के फूल चढ़ाना शुभ होता है।
- माँ दुर्गा को गुड़हल का फूल विशेष प्रिय होता है।
- श्री गणेश को दूर्वा और लाल फूल अर्पित करने से शुभ फल मिलते हैं।
7. बासी फूल न चढ़ाएं
अगर किसी कारणवश अर्पित किए गए फूल मुरझा जाएं, तो उन्हें अगले दिन पूजा स्थल से हटा देना चाहिए। पुराने और सूखे फूल भगवान को अर्पित नहीं करने चाहिए।
8. फूल अर्पित करने की सही दिशा
भगवान को फूल अर्पित करते समय उन्हें सीधे हाथ से और स्नेहपूर्वक चढ़ाना चाहिए। कुछ देवताओं के लिए फूल चरणों में चढ़ाने का नियम है, तो कुछ के लिए सिर पर अर्पित किए जाते हैं।
यदि इन नियमों का पालन करते हुए भगवान को फूल अर्पित किए जाएं, तो पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है और भक्तों को अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। 🌺🙏