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जानिए, गुड़हल के फूल का महत्व ,कितने लाभकारी होते है

गुड़हल का फूल अपने औषधीय गुणों और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। इसके औषधीय गुणों के कारण यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में सहायक होता है। वजन घटाने, बुखार को दूर भगाने, एनीमिया को नियंत्रित करने, और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में यह विशेष रूप से लाभकारी है। इसके फूलों और पत्तियों का सेवन पाचन समस्याओं और शरीर की बेचैनी को दूर करने में भी मदद करता है, और शरीर में आयरन की कमी को पूरा करता है।

गुड़हल के फूल की धार्मिक और तांत्रिक महत्वता भी बहुत अधिक है। यह फूल मां काली और दुर्गा को अत्यंत प्रिय माना जाता है, और इसका उपयोग पूजा-पाठ में विशेष रूप से किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त लाल गुड़हल के फूलों से मां काली और दुर्गा की पूजा करता है, उन्हें देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करने और जीवन में सकारात्मकता लाने का भी प्रतीक माना जाता है।

गुड़हल फूल से करें नकारात्मक ऊर्जा का उपचार

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गुड़हल के फूल का उपयोग नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करने और उसे दूर करने के लिए भी किया जाता है। तांत्रिक परंपराओं में इसे विशेष महत्व दिया गया है। यदि किसी व्यक्ति पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो, तो गुड़हल का आधा खिला हुआ फूल दोपहर के समय तोड़कर माता काली को अर्पित किया जाता है। पूजा के बाद, इस फूल को प्रसाद के रूप में उस व्यक्ति को खिलाया जाता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का असर कम होने की उम्मीद होती है।

गुड़हल का फूल केवल तांत्रिक और धार्मिक कारणों से ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी है। इसका सेवन पित्त और कफ को नियंत्रण में रखने में मदद करता है, जिससे यह व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। यही कारण है कि गुड़हल को एक अत्यंत महत्वपूर्ण औषधीय और धार्मिक फूल माना जाता है।

गुड़हल के उपाय कार्य सिद्धि के लिए

गुड़हल के फूलों का उपयोग कार्य सिद्धि और बाधाओं को दूर करने के लिए भी किया जाता है। तांत्रिक परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुड़हल के फूल माता काली को बहुत प्रिय होते हैं, और उनका उपयोग विशेष पूजा-अर्चना में किया जाता है।

यदि किसी कार्य में लगातार बाधाएं आ रही हों, तो नियमित रूप से गुड़हल के फूलों की माला बनाकर माता काली को अर्पित करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है। यदि रोज़ाना ऐसा करना संभव न हो, तो महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी और अमावस्या तिथि पर यह माला भेंट करने से भी लाभ होता है। इसके साथ ही, कुंजिका स्तोत्र के मंत्र का 11 हजार बार जप करने का विधान भी बताया गया है।

ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से माता काली अपने भक्त को सभी बाधाओं और संकटों से उबारती हैं, और कार्य में सफलता प्रदान करती हैं। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी माना जाता है जो किसी कठिन परिस्थिति या जीवन के महत्वपूर्ण कार्य में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं।

गुड़हल फूल के उपाय धन समृद्धि के लिए

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धन समृद्धि के लिए गुड़हल के फूल का उपयोग एक प्रभावी उपाय माना जाता है। यदि आप आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो हर शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की पूजा में लाल गुड़हल का फूल अर्पित करना अत्यंत लाभकारी हो सकता है।

इस उपाय को करने के लिए, पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी को लाल गुड़हल का फूल और मिश्री का भोग चढ़ाएं। इसके साथ ही, गुड़हल की एक कली भी देवी के सामने रखें। पूजा समाप्त होने पर मिश्री का प्रसाद स्वयं ग्रहण करें, और गुड़हल की कली को तिजोरी या उस स्थान पर रख दें जहाँ आप धन रखते हैं। यह माना जाता है कि इससे धन की बरकत बढ़ती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

यदि आप चाहें, तो मिश्री के साथ गुड़हल का फूल भी प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं। इस उपाय से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।

अगर आपके परिवार में पति पत्नी के बीच अक्सर तनाव और मनमुटाव बना रहता है तो गुरुवार के दिन गोरोचन का तिलक लगाएं और पीले रंग के गुड़हल का फूल भगवान श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु को अर्पित करें। यह उपाय कम से 21 गुरुवार करें। भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को लाल गुड़हल अर्पित न करें।

अगर आपके परिवार में पति पत्नी के बीच अक्सर तनाव और मनमुटाव बना रहता है तो गुरुवार के दिन गोरोचन का तिलक लगाएं और पीले रंग के गुड़हल का फूल भगवान श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु को अर्पित करें। यह उपाय कम से 21 गुरुवार करें। भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को लाल गुड़हल अर्पित न करें।

अगर आपके परिवार में पति पत्नी के बीच अक्सर तनाव और मनमुटाव बना रहता है तो गुरुवार के दिन गोरोचन का तिलक लगाएं और पीले रंग के गुड़हल का फूल भगवान श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु को अर्पित करें। यह उपाय कम से 21 गुरुवार करें। भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को लाल गुड़हल अर्पित न करें।

गुड़हल के उपाय पारिवारिक सुख के लिए

पारिवारिक सुख और पति-पत्नी के बीच के तनाव को दूर करने के लिए गुड़हल के फूल का एक विशेष उपाय बताया गया है। यदि आपके परिवार में पति-पत्नी के बीच अक्सर तनाव और मनमुटाव बना रहता है, तो इस उपाय को करने से शांति और प्रेम बढ़ सकता है।

इस उपाय के लिए गुरुवार का दिन चुना जाता है। गुरुवार के दिन, गोरोचन का तिलक लगाएं और पीले रंग का गुड़हल का फूल भगवान श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु को अर्पित करें। इस उपाय को लगातार 21 गुरुवार तक करने से, परिवार में सौहार्द और प्रेम बना रहता है।

ध्यान रखें कि भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को लाल गुड़हल का फूल अर्पित न करें, केवल पीले रंग का गुड़हल ही अर्पित करें। यह उपाय पारिवारिक संबंधों को सुधारने और गृहस्थ जीवन में सुख-शांति लाने के लिए अत्यधिक प्रभावी माना जाता है।

गुड़हल के उपाय नौकरी और कारोबार के लिए

नौकरी और कारोबार में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए गुड़हल के फूल का एक प्रभावी उपाय है, खासकर तब जब आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर हो। ऐसे में लोग अक्सर अपमानित होते हैं या किए गए काम का श्रेय नहीं मिल पाता है। इस स्थिति में गुड़हल के फूल से जुड़े इस उपाय को अपनाकर आप अपनी स्थिति में सुधार कर सकते हैं।

उपाय के लिए, हर सुबह एक तांबे के लोटे में कुमकुम और एक लाल गुड़हल का फूल रखें, और इस लोटे से उगते सूर्य को जल अर्पित करें। यह उपाय नियमित रूप से करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे नौकरी और कारोबार में आ रही परेशानियां दूर होती हैं, और आपकी स्थिति में सुधार होता है।

इस उपाय से न केवल कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है, बल्कि समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा भी बढ़ती है।

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