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Saturday, October 12, 2024

जानें अद्भुत विवरण : कश्यप ऋषि के कितने पुत्र थे

कश्यप ऋषि हिंदू धर्म के एक प्रमुख ऋषि थे, जिन्हें सृष्टि के प्रारंभिक चरणों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। उनके पुत्रों की संख्या और उनके द्वारा सृष्टि में योगदान की जानकारी विभिन्न पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में दी गई है।

कश्यप ऋषि की पत्नियाँ (कुल 13 या 12 मानी जाती हैं, जिनमें प्रमुख रूप से अदिति, दिति, दनु, और कद्रू शामिल हैं) और उनके माध्यम से उन्होंने विभिन्न प्रकार के देवता, असुर, नाग, और अन्य प्राणियों को जन्म दिया।

कश्यप ऋषि की कई पत्नियाँ थीं, और उनके माध्यम से विभिन्न प्रकार के देवता, असुर, नाग, दानव, पशु-पक्षी और अन्य जीव-जंतुओं की उत्पत्ति हुई। ये जानकारी मुख्यतः पुराणों में दी गई है। यहाँ उनकी पत्नियों और उनके प्रमुख संतानों का वर्णन किया गया है:

1. अदिति

  • अदिति से आदित्य (देवता) उत्पन्न हुए। अदिति के 12 पुत्रों को आदित्य कहा जाता है। इन 12 आदित्यों में प्रमुख हैं:
    • विवस्वान (सूर्य देव)
    • इंद्र (देवताओं के राजा)
    • वरुण (समुद्र के देवता)
    • मित्र (सूर्य के साथी देवता)
    • धात्री (धारण करने वाले)
    • पूषा (कृषि और समृद्धि के देवता)

2. दिति

  • दिति से असुर और दैत्य उत्पन्न हुए, जो देवताओं के विरोधी माने जाते हैं। इनके प्रमुख पुत्र थे:
    • हिरण्यकशिपु (प्रह्लाद का पिता)
    • हिरण्याक्ष (जिसे भगवान विष्णु ने वराह अवतार में मारा)
    • संभरण और अन्य असुर

3. दनु

  • दनु से दानवों की उत्पत्ति हुई। दनु के पुत्रों को दानव कहा जाता है, जिनमें प्रमुख थे:
    • विप्रचित्ति (दानवों का नेता)
    • बलि (जो राजा महाबलि के रूप में प्रसिद्ध हैं)

4. कद्रू

  • कद्रू से नागों की उत्पत्ति हुई। उनके प्रमुख नाग पुत्र थे:
    • शेषनाग (जो धरती को अपने फन पर धारण करते हैं)
    • वासुकि (जो समुद्र मंथन में रस्सी के रूप में इस्तेमाल किए गए थे)
    • तक्षक (नागों के राजा)

5. विनता

  • विनता से पक्षी उत्पन्न हुए। उनके प्रमुख पुत्र थे:
    • गरुड़ (भगवान विष्णु का वाहन)
    • अरुण (सूर्य रथ के सारथी)

6. सुरसा

  • सुरसा से राक्षसों की उत्पत्ति हुई। उन्होंने राक्षसों की कई जातियों को जन्म दिया।

7. सुरभि

  • सुरभि से गौ (गाय) और अन्य पशुओं की उत्पत्ति हुई। वह सभी गायों की माता मानी जाती हैं।

8. विरजा

  • विरजा से गंधर्व और अप्सराएँ उत्पन्न हुईं। गंधर्व स्वर्ग के संगीतकार होते हैं, और अप्सराएँ स्वर्ग की नृत्यांगनाएँ मानी जाती हैं।

9. अरिष्टा

  • अरिष्टा से गंधर्व उत्पन्न हुए। गंधर्वों को स्वर्ग के संगीतकार और नर्तक माना जाता है।

10. इलस

  • इलस से पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के वृक्ष और पौधे उत्पन्न हुए।

11. तिमि

  • तिमि से मछलियों की उत्पत्ति हुई।

12. काष्ठा

  • काष्ठा से पशुओं की उत्पत्ति हुई। इनमें प्रमुख रूप से घोड़े, हाथी आदि आते हैं।

13. पतंगी

  • पतंगी से पक्षियों की उत्पत्ति हुई, विशेष रूप से छोटे पक्षियों की।

14. यामिनी

  • यामिनी से रात्री के जीव उत्पन्न हुए।

15. अय्याती

  • अय्याती से अन्य प्रकार के जीव-जंतु उत्पन्न हुए।

कश्यप ऋषि की पत्नियों और उनके पुत्रों के माध्यम से ब्रह्मांड के विभिन्न प्राणियों की उत्पत्ति की जाती है। इस प्रकार, कश्यप ऋषि को सृष्टि के अनेक रूपों के निर्माता के रूप में जाना जाता है।

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