उदयपुर। मेलडी माता मंदिर में भक्तों के उत्साह और श्रद्धा के साथ मां हिंगलाज माता की मूर्ति की स्थापना की जा रही है। यह मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित 51 शक्तिपीठों में से एक हिंगलाज माता मंदिर का प्रतीक होगा, जहां भारतीयों का जाना आसान नहीं है। इस पवित्र कार्य के लिए पाकिस्तान से ज्योत लाई गई, जिसे लेने स्वयं महंत गए थे। उदयपुर में महंत के आगमन पर भव्य स्वागत किया गया, जिसके बाद मां हिंगलाज की ज्योत के साथ विशाल शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।
विधि-विधान से मूर्ति स्थापना और हवन यज्ञ
मेलडी माता मंदिर परिसर में विधिवत रूप से मां हिंगलाज की मूर्ति स्थापना का कार्य जारी है। इस अवसर पर 108 हवन कुंडों में पवित्र यज्ञ किया जा रहा है। घट स्थापना के साथ ही देवी सरस्वती, मां बगलामुखी और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा भी की जा रही है। इस भक्ति और उल्लास से भरे आयोजन में पूरे मेवाड़ क्षेत्र के श्रद्धालु बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं।
आगे पढ़ेशक्ति पीठ का महत्व और मेवाड़ की उपलब्धि
हिंगलाज माता मंदिर को 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यह मंदिर पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र में स्थित होने के कारण भारतीय भक्तों के लिए दर्शन करना कठिन है। उदयपुर में इसकी स्थापना होने से भक्तों को अब मेवाड़ में ही मां हिंगलाज के दर्शन करने का सौभाग्य मिलेगा। इस आयोजन के मुख्य आयोजक और शिक्षाविद् डॉ. प्रदीप कुमावत ने इसे मेवाड़ के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि बताया।
श्रद्धालुओं की भव्य भागीदारी
मां हिंगलाज की ज्योत यात्रा जब उदयपुर पहुंची तो श्रद्धालुओं ने बाजे-गाजे और भक्ति गीतों के साथ भव्य उत्सव मनाया। पूरा वातावरण माता के जयकारों से गूंज उठा। यात्रा में हजारों भक्तों ने भाग लिया और माता की ज्योत के दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि मेवाड़ के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गौरव को भी बढ़ा रहा है। उदयपुरवासियों के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जहां अब वे अपनी ही धरती पर मां हिंगलाज के दर्शन कर सकेंगे।
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