दिवाली का त्योहार भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए मनाया जाता है। इस अवसर पर दीप जलाना न केवल घर को रोशन करता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और धन के आगमन का भी प्रतीक है। यदि आप वास्तु शास्त्र के अनुसार दीप जलाते हैं, तो इससे आपके घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास हो सकता है।
1. दीपक जलाने का स्थान:
- मुख्य दरवाजा: मुख्य दरवाजे के पास दीपक लगाना शुभ माना जाता है। इससे लक्ष्मी का आगमन होता है।
- उत्तर दिशा: उत्तर दिशा में दीप जलाना आर्थिक समृद्धि को आकर्षित करता है।
- पूर्व दिशा: पूर्व दिशा में दीप जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और परिवार में शांति बनी रहती है।
2. दीपक का प्रकार:
- घी का दीपक: घी का दीपक जलाना बहुत शुभ होता है। यह घर में समृद्धि और सुख की वृद्धि करता है।
- बत्तियों की संख्या: दीपक में चार या पांच बत्तियां लगाना धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
3. दीप जलाने का समय:
- संध्या समय: दीप जलाने का सही समय संध्या का होता है, विशेषकर लक्ष्मी पूजन के समय।
- दिवाली की रात: दिवाली की रात को घर के हर कोने में दीप जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
4. दीप जलाते समय ध्यान दें:
- स्वच्छता: दीप जलाने से पहले घर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। स्वच्छता से सकारात्मकता में वृद्धि होती है।
- दीपक का आकार: अगर संभव हो, तो मिट्टी के दीपक का प्रयोग करें। यह प्राकृतिक ऊर्जा का संचार करते हैं।
- आस-पास की सजावट: दीपक के आस-पास फूलों और रंगोली की सजावट करें। यह वातावरण को और अधिक सकारात्मक बनाता है।
5. धन के आगमन के लिए विशेष उपाय:
- कमल का दीपक: यदि संभव हो, तो कमल के आकार का दीपक जलाना विशेष लाभकारी माना जाता है।
- दीपक के चारों ओर हल्दी का छिड़काव: इससे धन और समृद्धि का वास होता है।
निष्कर्ष
दिवाली पर यदि आप वास्तु के अनुसार दीप जलाते हैं, तो न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बल्कि धन और समृद्धि के भी दरवाजे खुलते हैं। इस दिवाली, अपने घर को रोशन करें और देवी लक्ष्मी का स्वागत करें, ताकि आपकी आर्थिक स्थिति और बेहतर हो सके।