बृहस्पतिवार को सरसों का तेल खरीदने को लेकर विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएँ जुड़ी हुई हैं। इन मान्यताओं के अनुसार, कुछ विशेष वस्तुएँ कुछ दिनों पर खरीदना या उपयोग करना शुभ या अशुभ माना जाता है।
बृहस्पतिवार से जुड़ी धार्मिक मान्यताएँ:
बृहस्पतिवार को भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा की जाती है। इस दिन को धार्मिक दृष्टि से पवित्र और विशेष माना जाता है। कुछ चीज़ों को इस दिन खरीदने या इस्तेमाल करने से जुड़ी मान्यताएँ इस प्रकार हैं:
सरसों का तेल और बृहस्पतिवार:
- अशुभ माना जाता है: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बृहस्पतिवार को सरसों का तेल खरीदना या उसका इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है।
- कहा जाता है कि इस दिन सरसों का तेल खरीदने से घर में आर्थिक समस्याएँ या धन का नुकसान हो सकता है।
- कुछ मान्यताओं के अनुसार, यह बृहस्पति ग्रह को कमजोर करता है, जो जीवन में धन, ज्ञान और सुख से जुड़ा होता है।
- धार्मिक प्रतिबंध: बृहस्पतिवार को सरसों के तेल का उपयोग खाना पकाने में भी नहीं किया जाता। इस दिन तेल से बने खाद्य पदार्थ, जैसे कि तली हुई वस्तुएँ, खाने से परहेज किया जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि इस दिन तेल से बनी चीज़ें खाने से बृहस्पति देव नाराज हो सकते हैं।
- बृहस्पति ग्रह को कमजोर करना: सरसों का तेल बृहस्पति ग्रह से संबंधित नहीं होता, बल्कि इसे शनि ग्रह का प्रतिनिधि माना जाता है। शनि और बृहस्पति के बीच सामंजस्य न होने के कारण, बृहस्पतिवार को तेल खरीदने से शनि के प्रभाव बढ़ सकते हैं, जो जीवन में समस्याएँ पैदा कर सकते हैं।
क्या करें:
- अगर आपको बृहस्पतिवार को तेल खरीदने की आवश्यकता है, तो आप इसे एक दिन पहले या बाद में खरीद सकते हैं।
- इस दिन पूजा-पाठ, व्रत, और दान करने से बृहस्पति देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आप इस दिन पीली वस्तुओं का दान कर सकते हैं, जैसे कि पीले वस्त्र, फल, या चने की दाल।
निष्कर्ष:
बृहस्पतिवार को सरसों का तेल खरीदने से बचना चाहिए क्योंकि यह धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अशुभ माना जाता है। इस दिन बृहस्पति देव की पूजा और दान करने से जीवन में शुभता आती है, और जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति बनी रहती है।